How To Become Psychologist
आजकल के समय में लोगों के लाइफ में समस्या बढ़ती जा रही हैं अब यह समस्या उनकी पर्सनल लाइफ से रेलेटेड हो या मैरिज लाइफ पर्सनल प्रॉब्लम या फैमिली प्रॉब्लम स्टडी प्रेशर वर्क लोड या फिर बिजनेस में लॉस या फिर और भी कुछ प्रॉब्लम हो सकती है और जब जब ऐसी प्रॉब्लम बढ़ती है तो इसका सीधा इफेक्ट पड़ता है हमारी सोसाइटी पर और जब यह प्रॉब्लम बढ़ने लग जाती है तो सोसाइटी में रेप लूटपाट डाइवोर्स लूट चोरी डकैती यह सब घटनाएं भी बढ़ने लग जाती है.
किसी भी इंसान के लाइफ में ऐसी प्रॉब्लम ना हो जिससे कि ऐसी घटनाएं ना घटे उसमें साइकोलॉजिस्ट के एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है क्योंकि साइकोलॉजिस्ट ही इस समस्या को दूर कर सकता है इसके अलावा साइकोलॉजी में और भी फील्ड की जानकारियां मिल सकती आपको और भी ज्ञान प्राप्त हो जाता है जैसे कि child health and child welfare, domestic violence counselling women and Family Welfare.
Reharb services जिसमें एडिक्टिव लोगों को छुड़ाया जाता है जैसे कुछ नशे के आदी हो जाते हैं ड्रग्स और शराब इन सब चीजों से दूर किया जाता है तो यह सब ज्ञान भी आपको साइकोलॉजी के फील्ड में मिल जाएगा तो दोस्तों इस साइड में हम बात कर रहे हैं कै आप साइकोलॉजिस्ट कैसे बन सकते हैं और साइकोलॉजी से बनने के लिए आपको क्या करना होगा तो चलिए बात करते हैं आप साइकोलॉजिस्ट कैसे बन सकते हैं.
What can i do with a psychology degree ?
एक साइकोलॉजिस्ट का जो मैन काम है वह है मेंटल हेल्थ से रिलेटेड जो इशू है उनको पता लगाना यह पेशेंट के अंदर कौन सी या फिर कौन से डिसऑर्डर से पीड़ित है वह व्यक्ति इस बात का पता लगाकर उसका इलाज करना उनको इस डिसऑर्डर से मुक्ति दिलाना जैसा कि आपको पता ही होगा कि जैसे जैसे उनके साथ ही साथ टेंशन डिप्रेशन जैसे मेंटल प्रॉब्लम बढ़ते जा रही है जिस कारण पिछले कुछ सालों में इंडिया में क्लीनिकल साइकोलॉजी के डिमांड में बहुत ज्यादा वृद्धि हुई है.
अगर प्रजेंट टाइम की बात करें तो जिस प्रकार से इंडिया में साइकिल की मांग बढ़ी है उस हिसाब से साइकोलॉजी की संख्या काफी कम है तो इसका मतलब यह होता है कि इस समय में और आने वाले समय में साइकोलॉजि बनना एक अच्छा करियर ऑप्शन हो सकता है.
After 12th Education qualification to Become a Psychologist in India
अगर आप साइकोलॉजि को करियर ऑप्शन के रूप में चुने तो यह आपके लिए बेहतर ऑप्शन होगा क्योंकि इससे आपके जो सारे बेसिक होंगे वह क्लियर रहेंगे ओए मास्टर और अगर आपने 12वीं पास कर ली है और अब आप आज सायकोलॉजी को पढ़ना चाहते हैं साइकोलॉजी के फील्ड में अपना करियर बनाना चाहते हैं इसमें भी कोई प्रॉब्लम नहीं है.
आप अपनी बैचलर डिग्री में साइकोलॉजी को ऐड करके मैं भी आप पढ़ सकते हैं पर इसमें आपको थोड़ी प्रॉब्लम होगी आपके बेसिक क्लियर नहीं होंगे पर इसमें भी कुछ ज्यादा प्रॉब्लम नहीं होती बस थोड़ा सा आपको ज्यादा पढ़ना पड़ेगा थोड़ी सी आपकी मेहनत ज्यादा लगेगी और यह भी आपका आराम से हो जाएगा और इस पर कहीं भी फर्क नहीं पड़ता कि आपने 12th कौन से स्ट्रीम से पास किया है.
आप आर्ट साइड से हो या फिर साइंस से या फिर से हो या फिर आप कॉमर्स से हो आपको साइकोलॉजी एक सब्जेक्ट के रूप में आराम से मिल सकते हैं अपनी बैचलर डिग्री साइकोलॉजी से करने के बाद आप अपना मास्टर साइकोलॉजी से कंप्लीट कर सकते हैं. इसके बाद नेट या फिर JRF क्वालीफाई करके PHD मैं एडमिशन ले सकते हैं या फिर M.PHILL करके पीएचडी कर सकते हैं.
आप बैचलर करने के बाद मास्टर करें तो ज्यादा अच्छा होगा अगर आपने अपना मास्टर कंप्लीट कर लिया है तो 1-1 साल के काफी ज्यादा डिप्लोमा है जो कि आपको किसी एक फील्ड का स्पेशलिस्ट बना देगी तो यह डिप्लोमा करना भी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है.
कुछ डिप्लोमा इसमें 1 साल के हैं कुछ 2 साल के भी होते हैं और इन में एडमिशन के लिए यूनिवर्सिटी एंट्रेंस कराती है या फिर कुछ यूनिवर्सिटी में आपकी मास्टर या फिर बैचलर डिग्री के मेरिट के हिसाब से एडमिशन होता है वह आप अपनी यूनिवर्सिटी से पता कर सकते हैं कि वहां पर एडमिशन किस टाइप से होता है.
Which diploma course is best in psychology?
Advanced diploma in Child Psychology
Advanced diploma in counselling psychology
Diploma in applied psychology
Post graduate diploma in application of psychology
Post graduate diploma in clinical psychology
Post graduate diploma in counselling psychology
Post graduate diploma in Mental Health counselling
Post graduate diploma in family and Child Psychology
Post graduate diploma in rehabilitation psychology
Post graduate diploma in sports psychology
यह तो हो गए आपके 1 या 2 साल के डिप्लोमा कोर्सेज इसके अलावा जो डिप्लोमा आप साइकोलॉजि में कर सकते हैं वह है-
B.A psychology
B.SC psychology
B.A applied psychology
B.A honours
यह सब चीजें भी आप साइकोलॉजी में कर सकते हैं और यह सभी कोर्स जो भी आपके डिप्लोमा है यह आपका एक अच्छा करियर ऑप्शन चुनने में आपकी मदद करेंगे और यह डिप्लोमा कंप्लीट करने के बाद आप साइकोलॉजिस्ट भी बन सकते हैं मास्टर और डिप्लोमा कंप्लीट करने के बाद आपको करनी होती है प्रैक्टिकल ट्रेनिंग तो क्या होता है
Practical training
तो क्लिकनिकल साइकॉलजी में मास्टर लेवल पर मिनिमम 3 महीने के टैक्टिकल ट्रेनिंग कंपलसरी है यह ट्रेनिंग आपकी किसी गवर्नर टेक्नोलॉजी प्राइवेट एनजीओ मेंटल हेल्थ केयर सेंटर एजुकेशनल सेंटर या सर्वे एजेंसी या फिर rehabilitation या फिर यह इन जगहों में से कहीं पर भी हो सकती है
एक मनोवैज्ञानिक में क्या गुण होने चाहिए?
एक साइकोलॉजिस्ट को बहुत सारे सीरियस इश्यूज बहुत सारी सीसीरियस प्रॉब्लम से गिरे हुए लोगों की हेल्प करनी होती है मुझे सबसे जरूरी तो सबसे इंपॉर्टेंट जो क्वालिटी है वह है एक साइकोलॉजिस्ट में बहुत ज्यादा धैर्यवान और मिलनसार स्वभाव होना चाहिए जिससे वह इतने गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों से आसानी से बात कर सके और उनकी समस्या को समझ सके इसके अलावा दूसरी क्वालिटी है वह है एक साइकोलॉजिस्ट को सामने वाले व्यक्ति की प्रॉब्लम और उसकी बात समझने की और अपनी बात उस व्यक्ति को समझाने की अच्छी समझ होनी चाहिए और यह क्वालिटी बहुत जरूरी हो जाती है.
साइकोलॉजी बनने में क्योंकि अगर आप उसे किसी प्रॉब्लम को समझ नहीं पाएंगे तो उसका उपचार कैसे करेंगे जब आप उसके प्रॉब्लम को ठीक से समझेंगे तब भी आप उसे उस प्रॉब्लम से मुक्ति दिला सकते हैं और उसको प्रॉब्लम सॉल्व करने की एबिलिटी होनी चाहिए किसी भी प्रकार की कितनी गंभीर प्रॉब्लम हो उसके अंदर यह क्वालिटी होनी चाहिए कि वह उसको समझ सके और हर व्यक्ति को उस प्रॉब्लम से निजात दिला सके.
इमोशनल स्टेबिलिटी एक अच्छे साइकोलॉजिस्ट को अच्छे इमोशनल स्टेबिलिटी होनी चाहिए उसके इमोशन स्ट्रांग होने चाहिए क्योंकि एक अच्छा साइकोलॉजिस्ट बनने के लिए बहुत सॉलिड इमोशन की जरूरत पड़ती है जिसे आप व्यक्ति की प्रॉब्लम को अच्छे ढंग से समझ सके और उसका उपचार कर सके.