24 अप्रैल सन 1973 को रजनी और रमेश तेंदुलकर के साथ एक लड़का हुआ जिसका नाम रमेश तेंदुलकर ने अपने फेवरेट म्यूजिक डायरेक्टर के नाम पर रखा. म्यूजिक डायरेक्टर सचिन देव बर्मन के नाम पर इस लड़के का नाम सचिन रखा गया पर इस नन्हे सचिन के इरादे कुछ और ही थे.
यह संगीत की दुनिया में नहीं बल्कि खेल की दुनिया में अपना नाम करने वाला था. कौन जानता था कि एक छोटी सी उम्र में यह क्रिकेट की दुनिया में धमाका कर देगा सचिन तेंदुलकर के बड़े भाई अजीत तेंदुलकर ने उन्हें काफी प्रोत्साहित किया.
1. सचिन तेंदुलकर बचपन में ही घंटों नेट पर प्रैक्टिस किया करते थे और उनके गुरु रमाकांत आचरेकर ₹1 का सिक्का स्टांप के ऊपर रखते थे और शर्त यह होती थी जो भी बॉलर सचिन को आउट कर देगा, वह ₹1 अपने साथ ले जाएगा और सचिन नॉट आउट रहा तो ₹1 खुद ले जाएगा. और ऐसे करते करते सचिन के पास 13 ऐसे सिक्के हैं. जिसे सचिन सबसे बड़ा अवार्ड मानते हैं.
2. 16 साल की उम्र में सचिन तेंदुलकर ने इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया और पहले इम्तिहान में उनके सामने थी पाकिस्तान की टीम. पाकिस्तान के गेंदबाजों ने नन्हे सचिन के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया और इसी मैच में एक बाउंसर ऐसी आई जो सचिन तेंदुलकर के नाक से जाकर टकराए और सचिन के नाक से खून बहने लगा. पर अपने दर्द की परवाह किए बगैर यह नन्ना क्रिकेटर जिसकी उम्र उस वक्त 16 साल थी खेलता रहा.
3. ऐसा माना जाता है कि जब शेर घायल हो जाता है वह और भी खतरनाक बन जाता है कुछ ऐसा ही सचिन के साथ हुआ. पहले मैच में आई बाउंसर ने जरूर सचिन को चोटिल किया और उसके बाद जो सचिन ने धुलाई की है वह आज भी दिग्गज गेंदबाजों को याद है, चाहे वह शेन वॉर्न हो या मुरलीधरन या एलेन ढोलन.
इन सब की पिटाई की कहानी सचिन के रिकॉर्ड में सुनाई देती है. हंड्रेड सेंचुरी का रिकॉर्ड हो या फिर पहले ऐसा क्रिकेट जिसने एकदिवसीय क्रिकेटर 200 रन बनाए हो सचिन तेंदुलकर के नाम पर तकरीबन हर एक रिकॉर्ड है.
4. सचिन ऐसे पहले खिलाड़ी हैं जो वनडे इंटरनेशनल में 10000 रन तक पहुंचे 10 के बाद 11,12,13,14 और यह गिनती बढ़ती गई अट्ठारह हजार रनों तक सचिन तेंदुलकर पहुंच गए.
एक वक्त ऐसा भी था जब अकेला सचिन खेलता था और बाकी सब पवेलियन लौट जाते थे शाहजहां के मैदान पर आज भी ऑस्ट्रेलियन को अपनी धुलाई याद है और बहुत जल्द सचिन वाइस कैप्टन बने, वाइस कैप्टन से कैप्टन लेकिन उनकी कैप्टंसी इंडियन टीम को कुछ रास नहीं आई.
सचिन के सीनियर प्लेयर मोहम्मद अजहरुद्दीन ने एक बार यह बात कही थी कि सचिन की कैप्टंसी में हम नहीं जीतेंगे छोटे के नसीब में जीत नहीं है. एक तरफ सचिन रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड तोड़ रहे थे और दूसरी तरह अपना दिल भी संभाल रहे थे.
5. उनके दिल पर कब्जा किया डॉ अंजलि ने जिनसे सचिन तेंदुलकर ने 24 मई 1995 में शादी कर ली. सचिन और अंजली के दो बच्चे हैं बेटी सारा जिसका जन्म 12 अक्टूबर 1997 में हुआ और बेटा अर्जुन जिसका जन्म 24 सितंबर 1999 में हुआ. गौर करने वाली बात यह भी है की अंजली सचिन की उम्र से 6 साल बड़ी हैं.
बीच-बीच में सचिन के आलोचकों ने यह भी कहा कि सचिन को रिटायर हो जाना चाहिए जिस पर अक्सर सचिन का बल्ला ही बोलता था पर जब प्रेशर ज्यादा पड़ जाए तो सचिन खुद बहुत ही नर्मता के साथ इस बात का जवाब देते हैं.
6. सचिन ए सबसे बड़े ब्रांड एंडोर्स नहीं किए हैं बल्कि सबसे बड़े टूर्नामेंट भी जीते हैं. जिसमें सन 2011 की वर्ल्ड कप विक्ट्री सबसे ऊपर आती है. यह सचिन का बचपन का सपना था कि वह इंडियन टीम के लिए वर्ल्ड कप जीते और सन 2011 में जब वर्ल्ड कप जीता.
तब सचिन की आंखों से आंसू बह निकले और सचिन के साथ खुशी मैं पूरा देश रोया और जब छोटे-छोटे बच्चे सचिन से पूछते हैं कि हमें भी क्रिकेट खेलना है तो कुछ टिप्स दीजिए तो सचिन उनको अपने अंदाज में जवाब देते हैं. यूं तो दुनिया ढेरों सवाल हमेशा सचिन तेंदुलकर से पूछते आई है. लेकिन सचिन कभी खुद नहीं बोलता बोलता है तो सिर्फ उसका बल्ला और यह सब से कहता है सपने देखो सपने सच जरूर होते हैं.