जब भी भारतीय नौसेना का नाम लिया जाता है तो दुश्मन मैं सिहरन उत्पन्न हो जाया करती है अपने इतिहास के उदाहरणों से स्त्री ने अपने इतिहास के उदाहरण से इसने न केवल भारत के गौरव को बढ़ाया है बल्कि जन जन में सुरक्षा व विश्वास के भाव को जन्म दिया है 4 सितंबर को हर साल इंडियन नेवी डे अर्थात भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता है यह नेवी के स्वर्णिम इतिहास के महत्वपूर्ण तिथि थी जब बांग्लादेश निर्माण युद्ध 1971 में भारतीय नौसेना ने 4 सितंबर के दिन ऑपरेशन ट्राइडेंट आरंभ किया था इस सैन्य अभियान ने पाकिस्तान के कराची शहर के नौसेना ठिकानों एवं सैन्य सामग्री को ध्वस्त कर युद्ध को निर्णायक भूमिका में ला दिया था 3 दिसंबर की रात पाकिस्तानी वायुसेना ने भारत भारत के कई एयरपोर्ट पर बमबारी की पाकिस्तान के इस कृत्य पर जवाबी कार्यवाही का बीड़ा भारतीय सेना ने उठाया 4 दिसंबर के रात को यह अभियान चलाया गया पाकिस्तानी नेवी के पास उस समय रात में समुद्री जंग लड़ने का कोई हथियार नहीं था अंतर नौसेना ने कराची मुख्यालय में अपना केंद्र चुनाव एक मिसाइल नाउ द्वारा 2 युद्धपोत की एक दूसरी ने कराची पोर्ट पर धावा बोला पहला आक्रमण एंटी शिप मिसाइल जिसमें पाकिस्तानी नेवी के अधिकतम जहाज और ऑयल के टैंकर तबाह हो गए प्राची हर्बल ऑयल भंडार पर किया गया आक्रमण इतना प्रबल था कि पाकिस्तानी नौसेना ने हार स्वीकार कर ली 50 किलोमीटर दूरी से यह खड़े ऑयल टैंकरों मे आग के गुब्बारे को देखा जा सकता है अगले 7 दिनों तक यह ऑयल डिपो यूं ही चलता रहा
भारतीय नौसेना का इतिहास
भारत की समुद्री सेना तटीय सुरक्षा में व्यापार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है अपने 400 वर्षों के गौरवशाली इतिहास के साथ नौसेना भारतीय संस्कृति की रक्षक भी है 67000 सशस्त्र सैनिक बल आई एन एस विक्रांत जैसे युद्धपोत तो मिसाइल से लैस यह विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी नौसेना है हाल ही के वर्षों में नौसेना का तेजी से आधुनिकरण हुआ है कई आधुनिक हथियारों तकनीकी युद्धपोत के बड़े नेवी में सम्मिलित किए अपने अथक प्रयासों से नौसेना भारत को सुपर पावर बनाने में अपनी भूमिका का निर्वहन कर रही है तीनों कान्हा का अध्यक्ष राष्ट्रपति होता है नौसेना के प्रमुख अथवा अध्यक्ष को एडमिरल कहा जाता है वर्तमान में कर्मवीर सिंह इस पद पर हैं नौसेना का आदर्श वाक्यांश 9 वरुण है प्रथम बार भारतीय नेवी स्थापना 1613 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा इंडियन मैरिड के रूप में की गई हुआ 1658 में इसका नाम अनुशासन अधिनियम के तहत इसका नाम रॉयल इंडियन नेवी रखा गया उस समय तक नौसेन क्या मात्र 2,000 दूसरे विश्व युद्ध के समय इसे बढ़ाकर 30000 तक कर दिया
भारतीय नौसेना विद्रोह
भारत की स्वतंत्रता के प्रयासों में भारतीय नौसेना के प्रयास भी सराहनीय रहे हैं पता नहीं क्यों आज भी देश जल सेना के साहसिक कदम से अपरिचित है अमूमन लोगों को 9:00 से के संबंध में जानकारी नहीं है वर्ष 1942 से 1946 के इन 4 वर्षों के दौरान नौसेना के विद्रोह ने ब्रिटिश सरकार के नाक में दम कर दिया था अंत में उन्हें हार मान कर भारत से जाना पड़ा था रॉयल नेवी ने मुंबई में खाने तथा नस्लीय भेदभाव एकर शुरू हुई हड़ताल ने एक विद्रोह का रूप ले लिया 18 फरवरी 1946 को शुरू हुई विद्रोह की चिंगारी कराची कोलकाता के सभी समुद्री को तक पहुंच गई इस विद्रोह में 200 ठिकानों के 20000 नाविकों ने 78 जनों के साथ भाग लिया था विद्रोह का प्रस्फुटन आई एन एस तलवार जलपोत से शुरू हुआ था
नौसेना दिवस कब और क्यों मनाया जाता है
जल सेना दिवस का इतिहास 1971 के भारतीय पाकिस्तान युद्ध से जुड़ा हुआ है भारत मैं 4 दिसंबर को नेवी डे मनाया जाता है भारतीय जल सेना के पराक्रम को याद करने के लिए इस दिन को मनाते हैं स्वतंत्र भारत में नौसेना का प्रथम बार प्रयोग गोवा में पांडिचेरी में पुर्तगालियों को खदेड़ने के लिए किया गया था अपने उस मंसूबों में भारतीय जवान सफल हुए और यह क्षेत्र देश का अंग बन सका नौसेना का दूसरी बार प्रयोग पाकिस्तान के खिलाफ 1971 की लड़ाई में किया गया था इस अभियान की सफलता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि रात के अंधेरे में इतना बड़ा ऑपरेशन अंजाम देने के उपरांत भी एक भी भारतीय सैनिक की छुट्टी नहीं हुई थी इस हमले में पाकिस्तान के 500 सैनिक मारे गए थे तथा 700 से अधिक घायल हो चुके थे विश्व में सफलतम नेवी अभियानों में इस पराक्रम की गिनती की जाती है दूसरे विश्व युद्ध के पश्चात 9:00 से यह सबसे सफल लड़ाई मानी गई है इस दिन को विशिष्ट मनाने का उद्देश्य से हर वर्ष नौसेना दिवस 4 दिसंबर को ही मनाया जाता है
भारत में नौसेना दिवस कैसे मनाया जाता है
देश का प्रत्येक नागरिक अपनी सेना के जवानों पर अभिमान करता है वह सैनिक की होते हैं जिसकी वजह से हमारा देश सुरक्षित है हम चैन की नींद सो पा रहे हैं तटीय सुरक्षा बल के पास मुंबई के टच की रक्षा का दायित्व था रात में देखने के साधन थे जिसके कारण कसाब मुंबई को दहला काका था भारत में फिर ऐसा हमला नहीं हुआ दुश्मन के मंसूबों को हर बार समाप्त किया गया और यह हमारे नेवी के सैनिक ही करते हैं इन पर पूरे देश को नाज है 4 दिसंबर को 9:00 से में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है मैं भी अपनी तरफ से इस कार्यक्रम का आयोजन विशाखापट्टनम मैं करती है पश्चिम नौसेना कमांड अपने जलपोत एवं प्रभावशाली दल के साथ अपनी सामरिक शक्ति का प्रदर्शन करती है आरके बैच में स्थित वार मेमोरियल में श्रद्धांजलि के पश्चात कार्यक्रम की शुरुआत होती है इस दिवस पर नौसेना द्वारा जल पौधों पर सामरिक पनडु्बी बेवडो का प्रदर्शन व परिचालन होता है यह ना केवल एक प्रदर्शनी अवसर होता है बल्कि नेवी नेवी बॉल नेवी और नेवी क्वीन जैसी प्रतियोगिताएं भी होती है तथा आर्मी अपना प्रोफेशनलिज्म दिखाती है?