आज हम बात करने वाले हैं काउंसलिंग साइकोलॉजी के बारे में काउंसलिंग साइकोलॉजी में करियर कोर्स सैलेरी क्वालिफिकेशन काउंसलर कैसे बने कितने तरह के काउंसलेस होते हैं इंडिया में सभी के जवाब आज आपको मिलने वाले हैं सबसे पहले बात करते हैं काउंसलर कौन होते हैं और क्या करते हैं
इसका एक सरल आंसर है काउंटर वह साइकोलॉजी एक्सपर्ट होते हैं जो अपने क्लाइंट को जो की लाइफ के बुरे फेस से गुजर रहा है उसे उन मेंटल प्रॉब्लम और इशू से बाहर लाने का काम करते हैं अलग-अलग तरह का साइकोथेरेपी का यूज करके अब एक साइकोलॉजी थेरेपी सारे यीशु को नहीं समझ सकता सारे यीशु का एक्सपर्ट तो नहीं हो सकता
इसलिए हर काउंसलर की अलग-अलग एक्सपर्टीज होती है और हर तरफ के काउंसलिंग से रिलेटेड डिप्लोमा कोर्स भी अलग-अलग होते हैं कुछ मेन टाइप के काउंसलर की बात करें तो इंडिया में बिहेवियर काउंसलर जिन्हें मेंटल हेल्थ काउंसलर भी कहा जाता है जिनका काम होता है उन लोगों की काउंसलिंग करना जो-
- Anger issues
- Anxiety
- Depression
- Stress
- Trauma
जैसे मेंटल प्रॉब्लम को फेस कर रहे हैं
Marriage and family counselors
जो फैमिली काउंसलिंग करते हैं मैरिज कपल जो अपनी लाइफ में एडजस्टमेंट यीशु पेश करते हैं उनकी काउंसलिंग मैरिज एंड फैमिली काउंसलर करते हैं
Career counselor
कैरियर काउंसलर का काम होता है कॉलेज स्टूडेंट या फिर वर्किंग प्रोफेशनल को एक अच्छा करियर उनके इंटरेस्ट से रिलेटेड करियर को चूज करने में और उनकी लाइफ को एक सही डायरेक्शन देने का काम करियर काउंसलर करते हैं
Addiction counselor
इनका काम होता है उन लोगों को काउंसलिंग देना जो कि किसी तरह के एडिक्शन को फेस कर रहे होते है यह एडिक्शन किसी भी तरह का हो सकता है जैसे कि ड्रग अल्कोहल स्मोकिंग या फिर फोन एडिक्शन गेम एडिक्शन इन एडिक्शन को साइकोथेरेपी का यूज करके दूर करने का काम एडिक्शन काउंसलर करते हैं
How to become a counselor
इंडिया में एक काउंसलर से बनने के लिए कोई भी फिक्स क्राइटेरिया नहीं है जी हां अगर आप एक काउंसलर बनना चाहते हैं तो जरूरी नहीं है आपके पास एक 11वीं में 12th मैं साइकोलॉजि रही हो या फिर आपने ग्रेजुएशन में साइकोलॉजी लिया हो लेकिन कोई फिक्स क्राइटेरिया नहीं है
इसका यह मतलब नहीं है आपको बिना किसी कोर्स के काउंसलर बना दिया जाएगा क्योंकि आपके पास साइकोलॉजी से रिलेटेड कोई डिग्री नहीं है तो आपको प्राइवेट और गवर्नमेंट जॉब लेने मैं परेशानी तो हो ही सकती है और बिना किसी कोर्स के आपको ना तो काउंसलिंग के नॉलेज मिल पाएगी ना ही आप हुमन बिहेवियर को समझ पाएंगे जिसकी वजह से आपका एक अच्छा काउंसलर बनना संभव नहीं है
काउंसलिंग को साइकोलॉजी से रिलेटेड करने का मतलब यही है कि जब आप 12वीं में ग्रेजुएशन में पोस्ट ग्रेजुएशन में साइकोलॉजी सब्जेक्ट चूज करते हो तब आप हुमन बिहेवियर को ज्यादा अच्छे से समझ सकते हैं आपने मेंटल प्रोसेस थिंकिंग प्रोसेस डिसऑर्डर ट्रीटमेंट सिम्टम्स यह सभी पढ़ रखा होता है
जिसकी वजह से आप और इफेक्टिव काउंसलिंग दे सकते हैं और यदि बात करें डिप्लोमा कोर्स की तो यह काउंसलिंग डिप्लोमा कोर्सेज आपको काउंसलिंग करने के सही तरीके कम्युनिकेशन स्किल्स साइकोथेरेपी का यूज जैसे कई नॉलेज प्रोवाइड कराते हैं तो यदि आप एक अच्छा काउंसल बनना चाहते हैं तो हमारी कमेंट करेंगे कि की आप अपने ग्रेजुएशन में साइकॉलजी चूस करें जिसके बाद आप अपना मास्टर साइकोलॉजी में कंप्लीट कर सकते हैं
मास्टर से भी अगर आप चाहे तो m.a साइकोलॉजी msc साइकोलॉजी Ma applied साइकोलॉजि चूस कर सकते हैं या फिर आप m.a. इन काउंसलिंग साइकोलॉजी कर सकते हैं मास्टर डिग्री को आप रेगुलर मोड में ही प्रेफर करें क्योंकि रेगुलर कोर्स के वैल्यू और डिस्टेंस की वैल्यू लगभग सेम होती है
लेकिन जो नॉलेज जो इंफॉर्मेशन आपको रेगुलर क्लास से मिलेगी शायरी आपको डिस्टेंस में मिल पाए मास्टर कंप्लीट कर देने के बाद आप 1 साल का डिप्लोमा कोर्स डिप्लोमा इन काउंसलिंग एंड गाइडेंस चूज कर सकते हैं बात करे यदि सैलरी की तो मास्टर और डिप्लोमा कंप्लीट कर लेने के बाद आपको स्टार्टिंग में 15000 से 20000 तक सैलरी मिल सकती है जो शायद आपको कम भी लग रही होगी
आज के टाइम के हिसाब से लेकिन अगर आप सच में as a अच्छा काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट चाहते हैं तो स्टार्टिंग में आपको इस सैलरी पर और इंटर्नशिप में आपको वह काम करना होगा आपके थोड़े एक्सपीरियंस होने के बाद आपकी यह सैलरी मिनिमम 35000 से 60000 तक पहुंच सकती है और वही आप प्राइवेट प्रैक्टिस करना चाहिए
तो यह इनकम आपके स्किल्स आपके एक्सपीरियंस पर निर्भर करती है और आप काफी ज्यादा इनकम कर सकते हैं क्योंकि यह बात तो आप सभी को पता होगी की एक एक्सपीरियंस काउंसलर 1000 से 2500, 3000 रुपए चार्ज करते हैं आपकी एक सेक्शन कि फिस आपकी एक्सपीरियंस आपका नाम आपके थेरेपी करने के तरीके और उसके इफेक्टिव डिपेंड करता है मिनिमम आप अपने एक सेक्शन के ₹1000 भी लगाते हैं
तो आप के 1 घंटे के ₹1000 तो इस हिसाब से आप सोच सकते हैं आपकी मंथली इनकम काफी ज्यादा अच्छे हो सकती है लेकिन उसके लिए आपको पेशेंस की बहुत ज्यादा जरूरत है और प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए जैसे क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट मैं आपको अप्रूवल चाहिए होता है RCI का
RCI यानी रिहैबिलिटेशन काउंसलर इंडिया एक साइक्लोजेस्ट को किसी भी चीज की अप्रूवल नहीं होती है अगर आप प्राइवेट प्रैक्टिस ना करना चाहे तो यह पीजी डिप्लोमा करने के बाद आपको जॉब मिल सकती है.
Work field
- School college and other Educational Institute
- Psychological counselling centre
- Marriage and relationship counselling agencies
- Organisations and workplace
- Rehabilitation centres
- Mental health centres