history of sikkim in hindi || सिक्किम का इतिहास और जानकारी
history of sikkim in hindi : सिक्किम सहायता सूचना (या, सिक्किम) भारत के पूर्वोत्तर भारत में स्थित पर्वतीय राज्य है! अंगूठे के आकार का यह राज्य पश्चिम में नेपाल उत्तर तथा पूर्व में चीनी तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र तथा दक्षिण-पूर्व में भूटान से लगा हुआ है. भारत का पश्चिम बंगाल राज्य के दक्षिण में है. अंग्रेजी गोरखा खास भाषा लेप्चा भूटिया लिंबू तथा हिंदी आधिकारिक भाषाएं हैं. हिंदू तथा ब्रज यान बौद्ध धर्म सिक्किम के प्रमुख धर्म है. गंगटोक राजधानी का सबसे बड़ा शहर है.
सिक्किम नाम ग्याल राजतंत्र द्वारा शासित एक स्वतंत्र राज्य था परंतु प्रशासनिक समस्याओं के चलते तथा भारत में विलय के जनमत के कारण 1975 मे एक जनमत संग्रह के अनुसार भारत में विलीन हो गया. उसी जनमत संग्रह के पश्चात राजतंत्र का अंत हुआ तथा भारतीय संविधान के नियम प्रणाली के ढांचे में प्रजातंत्र का उदय हुआ.
सिक्किम की जनसंख्या भारत के राज्यों में न्यूनतम (6) तथा क्षेत्रफल गोवा के पश्चात न्यूनतम है अपने छोटे आकार के बावजूद सिक्किम भौगोलिक दृष्टि से काफी विविधता पूर्ण है. कंचनजंगा जो कि दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी है सिक्किम की उत्तरी पश्चिमी भाग में नेपाल की सीमा पर है और इस पर्वत चोटी चकों प्रदेश के कई भागों से आसानी से देखा जा सकता है. साफ सुथरा होना प्राकृतिक सुंदरता पूची एवं राजनीतिक स्थिरता आदि विशेषज्ञों के कारण सिक्किम भारत में पर्यटन का प्रमुख केंद्र है.
नाम का मूल
सिक्किम शब्द का सर्वमान्य स्रोत लिंबू भाषा के शब्दों सु (अर्थात “नवीन”) तथा खिय्म (अर्थात “महल” अथवा “घर” जोकि प्रदेश के पहले राजा राजा फुंत्सॉन्ग के द्वारा बनाए गए महल का संकेतक है) को जोड़कर बना है| तिब्बती भाषा में सिक्किम को “चावल घाटी” कहा जाता है|
इतिहास
बौद्ध भिक्षु गुरु रिनपोचे पद्म संभव का ८वी सदी में सिक्किम दौरा यहां से संबंधित सबसे प्राचीन विवरण है. अभिलेखित है कि उन्होंने बौद्ध धर्म का प्रचार किया सिक्किम को आशीष दिया. तथा कुछ सदियों पश्चात आने वाले राज्य की भविष्यवाणी की मान्यता के अनुसार १४ सदी में खये बुम्सा पूर्वी तिब्बत में खाम के मिनयक महल के एक राजकुमार को एक रात देवीय दृष्टि के अनुसार दक्षिण की ओर जाने का आदेश मिला.
इनके ही वंशजों ने सिक्के में राजतंत्र की स्थापना की. 1642 ईसवी में खये के पांचवे वंशज ने सिक्किम नामग्याल जो 3 बौद्ध भिक्षु जो उत्तर पूर्व तथा दक्षिण से आए थे द्वारा युक्सोम में सिक्किम का प्रथम चोग्याल राजा घोषित किया गया. इस प्रकार सिक्किम में राजतंत्र का आरंभ हुआ.
फुंत्सोन्ग नामग्याल के पुत्र 300 तेनसून्ग नामग्याल ने उनके पश्चात 1470 मैं कार्यभार संभाला तेनसून्ग ने राजधानी को युक्सोम से रबदेन्त्से स्थानांतरित कर दिया. सन 1700 मे भूटान में चोग्याल की अर्थ बहन जिसे राजगद्दी से वंचित कर दिया गया था, द्वारा सिक्किम पर आक्रमण हुआ तिब्बतियों की सहायता से चोग्याल को राजगद्दी पुनः सौंप दी गई 1717 तथा 1733 केबीसी गेम को नेपाल तथा भूटान के अनेक आक्रमणों का सामना करना पड़ा जिसके कारण रबदेन्त्से का अतः पतन हो गया.
1791 में चीन ने सिक्किम की मदद के लिए और तिब्बत को गोरखा से बचाने के लिए अपनी सेना भेज दी थी नेपाल की हार के पश्चात सिक्किम किंग वंश का भाग बन गया. पड़ोसी देश भारत में ब्रतानी राज आने के बाद सिक्किम ने अपने प्रमुख दुश्मन नेपाल के विरुद्ध उस से हाथ मिला लिया. नेपाल ने सिक्किम पर आक्रमण किया एवं तराई समेत काफी सारे क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया इसकी वजह से इस इंडिया कंपनी ने नेपाल पर चढ़ाई की जिसका परिणाम 1814 का गोरखा युद्ध रहा.
सिक्किम और नेपाल के बीच हुई सुगौली संधि तथा सिक्किम और ब्रतानवी भारत के बीच हुई तितलियां संधि के द्वारा, नेपाल द्वारा अधिकृत सिक्किम क्षेत्र सिक्किम को वर्ष 1417 में लौटा दिया गया यद्यपि अंग्रेजों द्वारा मोरंग प्रदेश में कर लागू करने के कारण सिक्किम और अंग्रेजी शासन के बीच संबंधों में कड़वाहट आ गई.
वर्ष 1849 मैं दो अंग्रेज अफसर सर जोसेफ डाल्टन और डॉक्टर आर्चीवार्ल्ड कैंपबेल जिसमें उत्तरवर्ती डॉक्टर आर्चीवार्ल्ड सिक्किम और ब्रिटिश सरकार के बीच संबंधों के लिए जिम्मेदार था. बिना अनुमति अथवा सूचना के सिक्किम के पर्वतों में जा पहुंचे इन दोनों अफसरों को सिक्किम सरकार द्वारा बंदी बना लिया गया नाराज ब्रिटिश सरकार ने इस हिमालय चोग्याल ब्रिटिश गवर्नर के अधीन एक कठपुतली राजा बन कर रह गया.
दुर्ल चोर्टेंन स्तूप गंगतोक का प्रसिद्ध स्तूप
1947 मैं एक लोकप्रिय मत द्वारा सिक्किम का भारत में विलय को अस्वीकार कर दिया गया और तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सिक्किम को सुरक्षित राज्य का दर्जा प्रदान किया. इसके तहत भारत सिक्किम का संरक्षक हुआ सिक्किम के विदेशी राजनायिक अथवा संपर्क संबंधी विषयों की जानकारी भारत ने संभाल ली.
सन 1955 मैं एक राज्य परिषद स्थापित की गई जिसके अधीन सिक्किम चोग्याल को एक संवैधानिक सरकार बनाने की अनुमति दी गई. इस दौरान सिक्किम नेशनल कांग्रेस द्वारा पुनः मतदान और नेपालियों को अधिक प्रतिनिधित्व की मांग के चलते राज्य में गड़बड़ी की स्थिति पैदा हो गई.
1973 मैं राज भवन के सामने हुए दंगों के कारण भारत सरकार ने सिक्किम को संरक्षण प्रदान करने का औपचारिक अनुरोध किया गया. चोग्याल राजवंश सिक्के में अत्यधिक लोकप्रिय साबित हो रहा था. सिक्किम पूर्ण रूप से बाहरी दुनिया के लिए बंद था और ब्रह्म विश्व को सिक्किम के बारे में बहुत कम जानकारी थी.
यद्यपि अमेरिकन आरोहक गंगटोक के कुछ चित्र तथा अन्य कानूनी पहले की तस्वीर तस्करी करने में सफल हुआ. इस तरह भारत की कार्यवाही विश्व के दृष्टि में आ गई. अभी इतिहास लिखा जा चुका था और वास्तविक स्थिति विश्व को तब पता चला जब काशी प्रधानमंत्री ने 1975 मैं भारतीय संसद को यह अनुरोध किया कि सिक्किम को भारत का एक राज्य स्वीकार कर उसे भारतीय संसद में प्रतिनिधित्व प्रदान किया जाए.
अप्रैल 1975 मैं भारतीय सेना सिक्किम में प्रविष्ट हुई और राज महल के पहरेदारो को नी:शास्त्र करने के पश्चात गंगतोक को अपने कब्जे में ले लिया. 2 दिनों के भीतर संपूर्ण सिक्किम राज्य भारत सरकार के नियंत्रण में था सिक्किम को भारतीय गणराज्य में सम्मिलित करने का प्रश्न पर सिक्किम की 97.5 प्रतिशत जनता ने समर्थन किया.
कुछ ही सप्ताह के उपरांत 16 मई 1975 मैं सिक्किम औपचारिक रूप से भारतीय गणराज्य का 22 वा प्रदेश बना और सिक्किम में राजशाही का अंत हुआ सिक्किम 1662 में वजूद में आया जब फुंत्सोन्ग नामग्याल को सिक्किम का पहला चोग्याल राजा घोषित किया गया. नामग्याल को 3 बौद्ध शिक्षकों ने राजा घोषित किया था इस तरीके से सिक्किम में राजतंत्र की शुरुआत हुई जिसके बाद नामग्याल राजवंश ने 333 साल तक सिक्किम पर राज किया
गेम के पुराने राजशाही का ध्वज
गुरु रिनपोचे सिक्किम के संरक्षक संघ की मूर्ति नामचि की मूर्ति 188 फिट पर विश्व में उनकी सबसे ऊंची मूर्ति है. 1975 मैं बना राज्य भारत ने 1947 में स्वाधीनता हासिल की इसके बाद पूरे देश में सरदार वल्लभ भाई पटेल के नेतृत्व में अलग-अलग रियासतें का भारत में विलय किया गया.
इसी क्रम में 6 अप्रैल 1975 की सुबह सिक्किम के चोग्याल को अपने राज महल के गेट के बाहर भारतीय सैनिक के ट्रकों की आवाज सुनाई दी भारतीय सेना ने राज महल को चारों से घेर रखा था. सेना ने ताजमहल पर मौजूद 243 गार्ड पर तुरंत ही काबू पा लिया और सिक्किम की आजादी का खात्मा हो गया. इसके बाद चोग्याल को उनके महल में ही नजरबंद कर दिया गया.
इसके बाद सिक्किम में जनमत संग्रह कराया गया जनमत संग्रह में 97.5 फ़ीसदी लोगों ने भारत के साथ जाने की वकालत की जिसके बाद सिक्किम को भारत का 22 वां राज्य बनाने का 36 वां संविधान संशोधन विधेयक 23 अप्रैल 1975 को लोकसभा में पेश किया गया.
उसी दिन इसे 299-11 के मत से पास कर दिया गया वहीं राज्यसभा में यह बिल 26 अप्रैल को पास हुआ और 15 मई 1975 को जैसे ही राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने इस बिल पर हस्ताक्षर किए नामग्याल राजवंश का शासन समाप्त हो गया.
वर्ष 2002 चीन को एक बड़ी लज्जा का सामना तब करना पड़ा जब 17वें कर्मपा उरगे त्रिरले दोरजी जिन्हें चीनी सरकार एक लामा घोषित कर चुकी थी. एक नाटकीय अंदाज में तिब्बत से भागकर सिक्किम की रूमटेक मठ में जा पहुंचे चीनी अधिकारी इस धर्म संकट में जा फंसी कि इस बात का विरोध भारत सरकार में कैसे करें. भारत से विरोध करने का अर्थ यह निकला कि चीनी सरकार ने प्रत्यक्ष रूप से सिक्किम को भारत के अभिन्न अंग के रूप में स्वीकार कर लिया.
चीनी सरकार की अभी तक सिक्किम पर औपचारिक स्थिति यह थी कि सिक्किम एक स्वतंत्र राज्य हैं जिस पर भारत ने अतिक्रमण कर रखा है चीन ने अंतिम को 2003 में सिक्किम को भारत के 1 राज्य के रूप में स्वीकार किया जिससे भारत चीन संबंधों में आई कड़वाहट कुछ कम हुई बदले में भारत ने तिब्बत को चीन का अभिन्न अंग स्वीकार किया.
भारत और चीन के बीच हुए एक महत्वपूर्ण समझौते के तहत चीन ने एक औपचारिक मानचित्र जारी किया जिसमें सिक्किम को स्पष्ट रूप मैं भारत की सीमा रेखा के भीतर दिखाया गया. इस समझौते पर चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ और भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हस्ताक्षर किया. 6 जुलाई 2006 को हिमालय के नाथूला दर्रे को सीमावर्ती व्यापार के लिए खोल दिया गया जिससे यह संकेत मिलता है कहीं इस क्षेत्र को लेकर दोनों देशों के बीच सौहार्द का भाव उत्पन्न हुआ है.
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