साइना नेहवाल | saina nehwal biography
Female Sports Players in India साइना नेहवाल का जन्म 17 मार्च 1990 में उषा रानी और हरवीर सिंह के घर हुआ. दूसरी भी लड़की पैदा हुई इस नाराजगी से उनकी दादी ने पूरे 1 महीने तक साइना का मुंह नहीं देखा.
अब इस संयोग को भी समझे कि साइना नेहवाल को भारत सरकार गर्ल चाइल्ड कैंपेन ऑफ इंडिया का ब्रांड एंबेसडर बनाया है’ और इसी साइना नेहवाल को प्रधान नरेंद्र मोदी ने डार्लिंग डॉटर ऑफ इंडिया भी कहा था.
Name:- saina nehwal
saina nehwal age :- 30 years
hight:- 1.65 m
father name :- Harvir Singh Nehwal
Husband name:- Parupalli Kashyap
जैसा कि हम सब जानते हैं कि हरियाणा में बैडमिंटन की जगह कबड्डी कुश्ती और पहलवानी को तवज्जो दी जाती है लेकिन फिर भी साइना नेहवाल ने कराटे सीखना शुरू किया’ और उसमें भी ब्रोंज मेडल लेकर आई और फिर पिता का ट्रांसफर हैदराबाद हुआ. उस समय हैदराबाद में हर तरफ बैडमिंटन और पी गोपीचंद का बोला था क्योंकि उन्होंने नेशनल टाइटल ऑल ऑल इंडियन क्रॉउन जीते थे.
स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ आंध्र प्रदेश के बैडमिंटन कोच मिस्टर पीएसएस नानी प्रसाद राव की नजर जब 8 वर्षीय साइना पर पड़ी माना कि उन्होंने कुछ भाप लिया हो. उन्होंने उसे रोज सुबह को प्रैक्टिस के लिए आने को कहा और यहीं से बस छक्के घूमने शुरू हो गए प्रॉब्लम यह था. इस सानिया के घर से स्टेडियम 20 किलोमीटर दूर था ऊपर से स्टेडियम में सुबह 6:00 बजे आना था.
हरवीर सिंह कॉपी सरकारी नौकरी के साथ साइना का प्रेक्टिस कभी टाइम मिलाना पड़ता था. रोज कम से कम 50 किलोमीटर दूर आना-जाना होता वह भी उस समय एक स्कूटर से यह सब 3 महीने तक चला.
अब स्टेडियम के पास घर लेने के अलावा दूसरा कोई रास्ता ही नहीं था इसलिए वहां पर उन्होंने घर ले लिया. लेकिन अब भी स्टेडियम से 7 किलोमीटर की दूरी थी साइना के कोच आरिफ ने अब सुबह शाम प्रैक्टिस करने को कहा अब तो चक्के मानो और तेजी से चलने लगे स्कूटर को रोज डेढ़ सौ रुपए लगते थे.
साइना नेहवाल की ट्रेनिंग का खर्चा
साइना के बैडमिंटन के सामान पर भी खर्चा बहुत ज्यादा था ऊपर से स्कूल भी तो था. अकेले साइना पर महीने के ₹12000 खर्च होते थे मतलब कि हरवीर जी की आधी तनख्वाह साइना पर ही खर्च हो जाती थी.
8 वर्षीय बच्चे पर आधी सैलरी खर्च करना मानो एक जुआ था. हरवीर सिंह अपनी प्रोविडेंट फंड से कभी 30,000 तो कभी ₹100000 निकाल लेते थे और कभी वक्त पड़े तो दोस्तों और रिश्तेदारों से उधार भी लेते थे.
लेकिन इस बात की भनक उन्होंने साइना को कभी नहीं पड़ने दी दूसरी लड़की भी तो मेडिसिन की पढ़ाई कर रही थी.उसका खर्चा तो अलग ही था 1999 से 2002 तक ऐसे ही दिन करते रहे 2002 में यूनिक्स सनराइज स्पोर्ट ने.
जब साइना की किट की स्पॉन्सरशिप ली तब जाकर कहीं हरवीर सिंह के जान में जान आई उस समय बड़े-बड़े पुरस्कार बहुत छोटे होते थे. में अंडर 10 स्टेट लेवल चैंपियनशिप जीतने पर भी साइना को सिर्फ ₹300 मिले थे.
इस तरफ हरवीर सिंह को साइना का पढ़ाई छोड़ने का भी डर लगा रहता था. दो बार तो टूर्नामेंट के चक्कर में साइना को परीक्षा में बैठने का समय ही नहीं मिला. 2003 तक स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया से सिर्फ ₹600 हर महीने मिलते थे जो 2003 में बढ़कर ढाई हजार हो गए. बाद में बीपीसीएल से भी सपोर्ट मिला धीरे-धीरे साइना को लोग जाने लगे तो फोन पर फोन आते हैं.
saina nehwal awards
फिलिपिंस ओपन और वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप जीती हुई 40 से 50 हजार तक की रकम फोन के बिल देने में ही चले गए. 2010 में साइना को राजीव गांधी खेल रतन पुरस्कार मिला और पद्मश्री पुरस्कार भी मिला.
2016 में पद्म भूषण भी आपको विश्वास नहीं होगा कि एक बार जब मीडिया वाले इंटरव्यू लेने के लिए उनके घर पहुंचे तो हरवीर सिंह के पास उनको मिठाई खिलाने के भी पैसे नहीं थे.
यह भी आश्चर्य की बात है पिछले 7 सालों में साइना ना किसी पार्टी होटल में गई और ना ही किसी सिनेमा हॉल में साइना की शादी पी कश्यप से हुई’ जोकि खुद एक बैडमिंटन प्लेयर है. एक बात और बता दूं साइना पर एक फिल्में भी बनने जा रही है जिस पर परिणीति चोपड़ा काम करेगी.
Female Sports Players in India Mary kom

Name:- mary kom
mary kom age :- 37 years
hight:- 1.58 m
father name :- Tonpa Kom
Husband name:- Onler Kom
मैरी कॉम का जन्म 1 मार्च 1983 मे को मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में हुआ. उनके पिता एक गरीब किसान थे. यह चार भाई बहनों में सबसे बड़ी थी कम उम्र से ही मेरी बहुत मेहनती रही है. अपने माता-पिता के मदद करने के लिए वह भी उनके साथ काम करती थी साथ ही वह अपने भाइयों बहनों की देखभाल भी करती थी. मैरी कॉम इन सब के बाद भी पढ़ाई की और इसकी शुरुआत लोकतक क्रिश्चियन मॉडल हाई स्कूल से की’ जहां बेस्ट सिक्स क्लास तक पढ़ी.
इसके बाद उन्होंने कक्षा 9 और 10 की पढ़ाई के लिए इंफाल के आदिम जाति हाई स्कूल में दाखिला लिया. लेकिन वह मैट्रिकुलेशन की परीक्षा पास नहीं कर सकी मैट्रिकुलेशन की परीक्षा में दोबारा बैठने का उनका विचार नहीं था.
इसलिए उन्होंने स्कूल छोड़ दिया और आगे की पढ़ाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल एनआईओएस इंफाल से की एक बार बॉक्सिंग रिंग में उतरने का फैसला करने के बाद मैरी कॉम ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
mary kom awards
एक महिला होने के नाते उनका सफ़र और भी मुश्किल था पर उनका हौसला भी फौलाद का बना है. एक बार जो ठान लिया वो कर के दिखाना है. राष्ट्रिय बॉक्सिंग चैंपियनशिप के अलावा मैरी कॉम अकेली ऐसी महिला मुक्केबाज़ हैं जिन्होंने अपनी सभी 6 विश्व प्रतियोगिताओं में पदक जीता है. एशियन महिला मुक्केबाजी प्रतियोगिता में उन्होंने 5 स्वर्ण और एक रजत पदक जीता है.
महिला विश्व वयस्क मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में भी उन्होंने 5 स्वर्ण और एक रजत पदक जीता है. एशियाई खेलों में मैरी ने 2 रजत और 1 स्वर्ण पदक जीता है 2012 के लन्दन ओलंपिक्स में कांस्य पदक जीत कर उन्होंने देश का नाम ऊँचा किया.
इसके अलावा मैरी ने इंडोर एशियन खेलों और एशियन मुक्केबाजी प्रतियोगिता में भी स्वर्ण पदक जीता है. 1 अक्टूबर 2014 को मैरी ने इन्चिओन दक्षिण कोरिया एशियन खेलों में स्वर्ण जीत कर नया इतिहास रचा.
वह एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज़ बनीं. सन् 2001 में प्रथम बार नेशनल वुमन्स बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीतने वाली मैरी कॉम अब तक 10 राष्ट्रीय खिताब जीत चुकी हैं.
मुक्केबाजी में देश को गौरवान्वित करने वाली मैरी को भारत सरकार ने वर्ष 2003 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया. वर्ष 2006 में पद्मश्री और 2009 में उन्हें देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
mary kom full movie
बॉक्सिंग की दुनिया में अपनी उपलब्धियों और सफलताओं के कारण मैरी कॉम आज हर भारतीय महिला के लिए प्रेरणास्रोत (रोल मॉडल) हैं. उनके जीवन पर एक फिल्म भी बनी जिसका प्रदर्शन 2014 मे हुआ ओमंग कुमार द्वारा निर्देशित इस फिल्म में उनकी भूमिका प्रसिद्द नायिका प्रियंका चोपड़ा ने निभाई. लोगों ने इस फिल्म को पसंद किया और मैरी की तरह ये फिल्म भी बहुत सराही गयी.
Female Sports Players in India PV Sindhu biography

Name:- Pusarla Venkata Sindhu
PV Sindhu age :- 37 years
hight:- 1.79 m
father name :- Pusarla Venkata Ramana
Husband name:- Unmarried
पीवी सिंधु का पूरा नाम पुसरला पुसरला वेंकटा सिंधु है. इनका जन्म 5 जुलाई 1995 को तेलंगाना हैदराबाद में हुआ इनके पिता का नाम टीवी रमना और माता का नाम पी विजया है. इनके माता-पिता दोनों ही सपोर्ट से जुड़े हुए थे और दोनों ही वॉलीबॉल के खिलाड़ी रह चुके हैं. इनके पिता को वर्ष 2000 में अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है लेकिन पीवी सिंधु ने वॉलीबॉल से हटकर बैडमिंटन में अपना करियर चुना.
पीवी की एक बड़ी बहन भी है जो कि एक डॉक्टर है. 8 वर्ष की उम्र से ही पीवी सिंधु ने डिसाइड कर लिया था कि वह बैडमिंटन को ही अपना कार्य बनाएगी. घर में मां बाप की स्पोर्ट्स पर्सन होने की यह फायदा रहा कि उन्होंने कभी अपने बच्चों को पढ़ाई करने को फोर्स नहीं किया. जिस वजह से वह हमेशा से ही अपने खेल में हंड्रेड परसेंट दे पाई.
वह बचपन से ही पुलेला गोपीचंद से बहुत प्रभावित थी जो 2001 में भी ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप जीते थे. और हैदराबाद से ही बिलॉन्ग करते थे’ और वही आगे चलकर सिंधु के कोच बने और उनके हिडेन टैलेंट को बाहर निकाला. 2004 में उन्होंने आइडल पुलेला गोपीचंद से ट्रेनिंग लेनी शुरू की. उन्होंने पीवी सिंधु को बैडमिंटन की बारीकी सिखाई और उनको दिन प्रतिदिन इस खेल में अच्छा बनाया.
पीवी के घर और अकैडमी में 56 किलोमीटर का फासला था लेकिन वे फिर भी अपने प्रैक्टिस के लिए हमेशा 4:15 बजे उठ कर एकेडमी पहुंच जाती थी. उनको अपने खेल के प्रति रहकर एक जुनून रहा है इसके लिए उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने 21 वर्ष की उम्र में कोच पुलेला गोपीचंद ने फोन यूज करने का मना किया था. क्योंकि वह उनके खेल में डिस्ट्रेक्शन बन रहा था और उन्होंने अगले 8 महीने तक फोन को हाथ नहीं लगाया.
इससे आप उनकी खेल के प्रति दीवानगी का अंदाजा लगा सकते हैं. साल 2013 में पीवी सिंधु ने अपनी ऊंचाइयों की पहली सीढ़ी चढ़ी जब उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप में वर्ल्ड बैडमिंटन में अपनी पहचान बनाई. सीनियर लेवल पर सिंधु ने पहली बार ब्रोंज मेडल हासिल किया. उसके बाद 2016 में रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर अपने नाम की सनसनी मचा दी.
First indian woman to win an Olympic medal
वह पहली भारतीय महिला रही जिन्होंने ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता था. सिंधु ने रियो ओलंपिक के बाद 16 मैचों में पार्टिसिपेट किया जिसमें वह हर बार फाइनल तक तो गई. लेकिन वह अपने नाम खीताब सिर्फ 5 बार ही हासिल कर पाए. पीवी सिंधु ने यहां चल कर दिया है की कोशिश करने वाले की कभी हार नहीं होती वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने वाली वह पहली भारतीय महिला रही.
p. v. Sindhu awards
साल 2017 में फाइनल में पहुंचकर वर्ल्ड चैंपियनशिप की होने वाला खीताब के पास जाने के बाद भी चूक गए थे लेकिन सिद्धू ने अपने आपको फिर उठाया और खुद को चलने पर मजबूर कर आखिर में वह अपने मुकाम को हासिल करने में सक्षम रही.
उन्होंने वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में सिर्फ 36 मिनट में मुकाबले को अपने नाम कर लिया. उनके हर सर्विस के सामने जापान के खिलाड़ियों ने खुद को बेबस पाया था और पीवी सिंधु ने सिर्फ 36 मिनट में जीत को अपने पाले में ले लिया.
p. v. Sindhu को बेहतरीन बैडमिंटन खेलने के लिए 2013 में अर्जुन अवार्ड 2014 में सीसीआई स्पोर्ट पर्सन ऑफ द ईयर 2015 में पद्मश्री अवार्ड और 2016 में राजीव गांधी खेल रत्न से नवाजा गया.
पीवी सिंधु से हर एक इंसान को सीख मिलती है कि कैसे हारने के बाद जीत जरूर मिलती है. बस मेहनत करने की देरी है जैसे सचिन तेंदुलकर के लिए कहा जाता है कि वह क्रिकेट के भगवान हैं वैसे ही पीवी सिंधु के लिए कहा जाता है कि वह बैडमिंटन की राइजिंग क्वीन है.
Female Sports Players in India Mithali Raj biography

Name:- Mithali Raj
Mithali Raj age :- 37 years
hight:- 1.63 m
father name :- Dorai Raj
Husband name:- Unmarried
Indian women cricket team captain
मिताली राज एक बहुत प्रसिद्ध महिला क्रिकेटर हैं. भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान भी. जब उनकी उम्र केवल 17 साल की थी तब उन्हें भारतीय टीम में शामिल किया गया था. मिताली राज ऐसी महिला क्रिकेटर है जिन्होंने एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे अधिक रन बनाए हैं. दो बार महिला विश्व कप में भारतीय टीम को अंतिम मुकाबले में पहुंचाया है.
मिताली राज का जन्म 3 दिसंबर राशि राजस्थान जोधपुर तमिल परिवार में हुआ. उनके पिताजी दोरज राज भारतीय हवाई अड्डा में एयरमैन थे और उनकी मां का नाम लीला राज है. सिकंदराबाद में लड़कियों की कीज हाई स्कूल से पढ़ाई की. पश्चिम ब्रेड परली यानी कि सिकंदराबाद के कस्तूरबा गांधी जूनियर कॉलेज से उन्होंने आगे की पढ़ाई की.
स्कूल के दिनों में मिताली राज उनके बड़े भाई के साथ क्रिकेट की कोचिंग लेती थी. स्कूल में खेलते समय मिताली राज हमेशा लड़कों के साथ नेट में क्रिकेट का अभ्यास करती. जब 10 साल की थी तो उन्होंने खेलना शुरू कर दिया और केवल 17 साल की उम्र में भारतीय टीम में शामिल किया गया.
सन 1997 में जो महिला क्रिकेट विश्व कप खेला गया. उसके लिए भारतीय टीम में मिताली राज को प्रबल दावेदार समझा जा रहा था लेकिन अंतिम मुकाबले में उन्हें शामिल नहीं किया गया तब उनकी उम्र केवल 14 साल थी. सन 1999 में उन्होंने करियर का पहला ओडीआई का मुकाबला आयरलैंड के खिलाफ खेला था. घरेलू क्रिकेट में मिताली राज रेलवेज टीम की तरफ से खेलती है.
Mithali Raj selection in Indian cricket
जब मिताली एयर इंडिया टीम के लिए खेलती थी तब वह अंजुम चोपड़ा और अंजू जैन जैसे महान खिलाड़ियों के साथ खेलती थी. 2002 के विश्व कप के अंतिम मैच में उन्होंने भारतीय टीम का नेतृत्व किया. 1999 मिल्टन कींस में खेले गए मैच में उन्होंने आयरलैंड के खिलाफ ओडीआई का पहला मुकाबला खेला. उन्होंने पहले ही एकदिवसीय मैच में नाबाद 114 रन बनाए.
2005 के महिला क्रिकेट विश्व कप में मिताली राज ने भारतीय टीम की कप्तानी की मिताली राज की कप्तानी में भारतीय महिला टीम ने पहली बार टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड को हराया था. उसी साल एशिया कप भी जीत लिया था.
2013 के महिला विश्व कप ओडीआई रैंकिंग मिताली राज नंबर वन पर थी. मिताली राज की कप्तानी में भारतीय महिला टीम ने 2017 का महिला विश्व कप का अंतिम मुकाबला खेला था.
2017 के महिला विश्व कप में खेलने के बाद मिताली राज ने एक साक्षात्कार में कहा कि अगर भारतीय महिला क्रिकेट में प्रतिभाशाली टीम बनानी है तो भारतीय टीम में अधिक से अधिक टेस्ट मैच फिल्म आनी चाहिए. दोस्तों मिताली राज को कई पुरस्कार मिले जैसे खेल जगत में उनके शानदार प्रदर्शन को देखकर भारत सरकार की तरफ से 2003 में अर्जुन पुरस्कार दिया गया.
2015 में भारत सरकार ने चौथा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से भी उन्हें नवाजा. मिताली राज एक बहुत ही प्रतिभाशाली खिलाड़ी है जिन्होंने अपनी बहुत ही कम उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया था.
आने एकदिवसीय मुकाबले में 6000 से भी ज्यादा रन बनाएं उन्होंने लगातार सात अर्धशतक बनाने का रिकॉर्ड भी खुद के नाम पर किया. अपने पहले ही मुकाबले में नाबाद शतक बनाया उसी मैच में उन्होंने शानदार 114 रन भी बनाए थे.
Female Sports Players in India Sharmila nicollet biography

Name:- sharmila nicollet
sharmila nicollet age :- 29 years
hight:- 1.81 m
father name :- Marc Nicollet
Husband name:- Unmarried
उनका जन्म 12 मार्च 1991 को बैंगलोर में हुआ था। उनके पिता मार्क फ्रेंच हैं जबकि मां सुरेखा, बेंगलुरु से हैं वे अलग हो गए हैं। मॉम सुरेखा एक परफ्यूमिस्ट हैं और उनकी खुद की पद्मिनी अरोमा लिमिटेड बैंगलोर में है.
उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा बिशप कॉटन गर्ल्स स्कूल और बैंगलोर इंटरनेशनल स्कूल में अपनी X & XII ग्रेड को निजी तौर पर खत्म किया’ और अब निजी तौर पर एक डिग्री भी कर रही हैं.
खेल में किसी भी अनुशासन को जीतने की क्षमता साबित होने के कारण खेल में उनकी उपस्थिति निश्चित रूप से प्रतीत होती है. वह जो कुछ भी करती है उसमें एक प्राकृतिक एक चैंपियन तैराक पूल में अपने चार साल के कार्यकाल के दौरान (1997 से 2001 तक)। वह एक नवोदित एथलीट थी.
करियर: -वह अपने चचेरे भाइयों द्वारा गोल्फ में पेश किया गया था जिन्होंने खेल खेला था। शुरू में एक ’मज़ेदार’ चीज़ के रूप में, जल्द ही एक गहरी रूचि बन गई जिसने उन्हें एक प्रभावशाली शौकिया कैरियर बनाने के लिए देखा, और एक सफल पेशेवर गोल्फर बनने के अपने सपने का पालन करने के लिए प्रतिष्ठित अमेरिकी विश्वविद्यालय की छात्रवृत्ति पर वापस जाने का विकल्प चुना.
Sharmila Nicollet awards
वह दोहा 2006 में एशियाई खेलों में और एशिया पैसिफिक जूनियर गोल्फ टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी है, जो सैंडिएगो – यूएसए, जापान में रानी सिरीकिट कप, मलेशियाई ओपन और अन्य अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों के आवंटन में कैलवे विश्व जूनियर एमेच्योर चैम्पियनशिप में खेली गई थी.
भारत में वर्ष 2005-2006 के लिए नंबर वन गर्ल जूनियर गोल्फर और 2007-2008 में टॉप गर्ल जूनियर, ओपन लेडीज़ एमेच्योर गोल्फर। वह 2007-2008 में 7 ओपन एमेच्योर टूर्नामेंट के साथ ऑल इंडिया एमेच्योर चैम्पियनशिप जीतने वाली सबसे कम उम्र की लेडी गोल्फर भी थीं.
Female Sports Players in India Prachi tehlan biography

Name:- Prachi tehlan
sharmila nicollet age :- 27 years
hight:- 1.8 m
father name :- Narender Kumar
Husband name:- Rohit Saroha
प्राची तेहलान एक भारतीय नेटबॉल और बास्केटबॉल खिलाड़ी हैं और एक अभिनेत्री हैं। प्राची भारतीय नेटबॉल टीम की पूर्व कप्तान हैं, जिन्होंने 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में और 2010-11 में अन्य प्रमुख एशियाई चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.
उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने 2011 में दक्षिण एशियाई बीच खेलों में अपना पहला पदक जीता। उन्हें द टाइम्स ऑफ़ इंडिया द्वारा द क्वीन ऑफ़ द कोर्ट और इंडियन एक्सप्रेस द्वारा “लेस ऑफ़ द रिंग्स” की उपाधि दी गई है. वह 2011-2017 के लिए नेटबॉल डेवलपमेंट ट्रस्ट- इंडिया की ब्रांड एंबेसडर हैं उन्होंने जनवरी 2016 में स्टार प्लस पर आरजू के रूप में टीवी श्रृंखला “दीया और बाती हम” में अभिनय की शुरुआत की।
Prachi (actress)
उन्होंने मंडुइप सिंह द्वारा निर्देशित रोशन प्रिंस के साथ फिल्म एआरजैन में “निम्मी” के रूप में अपना पॉलीवुड डेब्यू किया. फिल्म 31 मार्च 2017 को रिलीज़ हुई अब वह “सुशील” के रूप में दिख रही हैं.
स्टार प्लस प्राइम टाइम शो “इश्कबाज़” में मुख्य भूमिका निभाई है प्राची ने जनवरी 2016 में स्टार प्लस चैनल पर उच्च श्रेणी की टीवी ड्रामा (diya baati hum) ‘दीया और बाती हम’ में शशि सुमीत प्रोडक्शंस के एक प्रस्ताव को स्वीकार करने और अपने अभिनय की शुरुआत करने का फैसला किया.
उन्होंने 15 किलो (33 पाउंड) वजन कम किया भूमिका के लिए प्राची ने भारत में नेटबॉल और बास्केटबॉल की महिला खिलाड़ियों के लिए अवसरों और प्रायोजकों की कमी के कारण अपने खेल करियर को दांव पर लगाने का कारण बताया दीया और बाती हम में साइड किरदार निभाया.
Female Sports Players in India Tania sachdev biography

Name:- tania sachdev
sharmila nicollet age :- 27 years
hight:- 1.63 m
father name :- Pammi Sachdev
Husband name:- Viraj Kataria
तानिया सचदेव का जन्म 20 अगस्त 1986 को नई दिल्ली, भारत में हुआ था उनके पिता का नाम पम्मी सचदेव और उनकी माँ का नाम अंजू है. उन्होंने अपनी स्कूलिंग मॉडर्न स्कूल वसंत विहार नई दिल्ली से की और उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई श्री वेंकटेश्वर कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय नई दिल्ली से की.
उसे 6 साल की उम्र में उसकी माँ द्वारा इस खेल से परिचित कराया गया था. और उसके माता-पिता ने उसे उचित पेशेवर प्रशिक्षण देने की पेशकश की थी. आठ साल की उम्र में उसने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब हासिल किया.
उसे के.सी. जोशी अपने शुरुआती दिनों में अपने बचपन में, उन्होंने 2000 में अंडर -12 भारतीय चैंपियन, एशियाई U14 लड़कियों के चैंपियन जैसे कई इवेंट जीते और 1998 की वर्ल्ड U12 गर्ल्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता वर्ष 2002 में, उसने Marawila में एशियन जूनियर गर्ल्स चैम्पियनशिप जीती।
तानिया सचदेव के पति का नाम विराज कटारिया है, जो एक वास्तुकार हैं और दोनों ने नवंबर 2014 में शादी कर ली।
Tania sachdev awords
वर्ष 2005 में वह वूमेन ग्रैंडमास्टर की उपाधि से सम्मानित होने वाली आठवीं भारतीय खिलाड़ी बनीं. उन्होंने 2006 और 2007 में भारत की राष्ट्रीय महिला प्रीमियर शतरंज चैंपियनशिप भी जीती है.
वह 2008 से महिला शतरंज ओलंपियाड में भारतीय राष्ट्रीय टीम के लिए दिखाई दीं और उन्होंने 2009 और 2011 में महिला विश्व टीम शतरंज चैंपियनशिप जीती. बाद में वह विभिन्न प्रतियोगिताओं में दिखाई दीं और व्यक्तिगत रूप से इस्तांबुल में 2012 महिला शतरंज ओलंपियाड में बोर्ड 3 के लिए पदक जीता.
Female Sports Players in India Sonika Kaliraman biography

सोनिका भारत की एकलौती रेसलर है जिसने एशियाई खेलों में देश का प्रतिनिधित्व किया है. सोनिका भारत केसरी का टाइटल जीतने वाली पहली महिला रेसलर भी है. सोनिका के पिता मशहूर पहलवान चंदगीराम थे. वह प्रसिद्ध मुक्केबाज मोहम्मद अली की बेटी लैला अली से प्रेरित थी और इसने उसे मोटीवेट की तरह कुश्ती को करियर बनाने के लिए प्रेरित किया.
देश का नाम रोशन करने वाली यह राष्ट्र खतरों के खिलाड़ी 2 और बिग बॉस 5 का हिस्सा भी रह चुकी है. उसे छोड़ने के बाद उसने राष्ट्रीय टीम में चयन के लिए ओपन ट्रायल की मांग की सोनिका कालीरमन ने राष्ट्रमंडल खेलों सहित कई चैम्पियनशिप स्पर्धाओं में भाग लिया.
अपने कुश्ती कैरियर में उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर 16 खिताब जीते. सोनिका कालीरमन ने भी कई अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भाग लिया और 2002 में डेव शुल्त्ज़ इंटरनेशनल रेसलिंग टूर्नामेंट, यूएस में तीसरे स्थान पर रहीं. तो दोस्तों यह थी भारत की Top 8 Female Sports Players in India.
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Where gold speaks every tongue is silent.