1. प्लेनेट ऑफ द एप्स मूवी से लूजली बेस्ड है 1963 की फ्रेंच नोबेल la planete the singes पर इस कहानी को लिखा था. पीए ऑलिव ने जो बेसिकली गुलिवर ट्रेवल्स की कहानी से बहुत ज्यादा इंस्पायर्ड हुए थे.
2. 1968 में जब इसकी पहली मूवी आई थी तो उस समय बोलते हुए बंदरों पर मूवी बनाना. किसी मजाक से कम नहीं था यहां तक की यह आइडिया पीए वॉल्यूब को भी फनी लगा था. लेकिन इसके प्रोड्यूसर arthur p Jacobs ने मेकअप आर्टिस्ट के जॉन चैंबर्स की मदद से 24 सेंचुरी फॉक्स के वाइस प्रेसिडेंट रिचर्ड जनक के लिए बेहतरीन ऐप मेकअप के साथ टेस्ट फोटोस रिकॉर्ड किया.
जिसमें उस समय उनका $5000 का खर्चा आया और इसी फुटेज के दम पर रोबोट जनक में इस मूवी को बनाने के लिए 50 मिलियन डॉलर ग्रैंड कर दिए और यहीं से शुरुआत हुई प्लेनेट ऑफ द एप्स मूवी की.
3. 1968 के जमाने के हिसाब से प्लेनेट ऑफ द एप्स मूवी का मेकअप इतना जानता शानदार था कि एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्ससाइंसेज खुद को रोक नहीं पाया. इस मूवी को के मेकअप को अवार्ड देने के लिए यही कारण है कि इन्होंने डेडीकेट बेस्ट मेकअप एंड हेयर स्टाइल की कैटेगरी ऑस्कर्स में ऐड की गई. और इस मूवी के मेकअप आर्टिस्ट जॉन चैंबर्स को यह अवार्ड दिया गया और इस अवार्ड को खुद एक चिंपांजी ने उन्हें हैंड ओवर किया जो कि बहुत ज्यादा क्यूट था.
4. पहली मूवी के एंडिंग इतनी जबरदस्त थी कि आज तक याद रखी जाती है जहां पर थ्रू आउट ऑफ द मूवी यही लगा था की यह कहानी किसी और ग्रह की है लेकिन असल में यह फ्यूचर की धरती होती है. जहां पर टूटा हुआ स्टैचू ऑफ लिबर्टी इस बात का सबूत होता है और हीमेनट्री के कारण कोई रास्ता नहीं बचता है.
वेल इसकी ओरिजिनल एंडिंग थोड़ी अलग होने वाली थी जहां पर बेसिकली इसी जगह पर चाइल्डन हेस्टिंग के कैरेक्टर जॉर्ज स्टेलर को एक एप्स मार डालता. जिसके कारण लिंडा हैरिसन के करैक्टर नोवा जिसके पेट में जॉर्ज का बच्चा होता है वह अपनी जान बचाने के लिए स्टैचू ऑफ लिबर्टी के उधर भागती और वही से एक हुमन डायमेंशन की ओर टेलिपोर्ट हो जाती है. जहां पर वह और उसका बच्चा सरवाइव कर जाते.
5. 1968 से लेकर 1973 तक ओरिजिनल मूवी पर बेस्ड पांच मूवी आई जहां पर इस पर बेस्ड लाइव एक्शन और एक एनिमेशन टीवी शो भी आया. यही कारण है कि 2001 तक इसे फिर से रिपोर्ट करने का प्लान किया गया जिसके कारण टीम ब्रटेन डायरेक्टर और मार्क बॉलिंग स्टारिंग प्लेन ऑफ द एप्स मूवी को रिलीज किया गया.
जो बेसिकली कंपलीट 1968 रिबूट था और यही बेसिकली प्लेनेट ऑफ द एप्स की कहानी को आगे बढ़ाने वाला था. लेकिन यह मूवी लोगों को इतनी ज्यादा पसंद नहीं आए जिसके कारण इसकी सीक्वल पर काम नहीं किया गया दीप की प्लानिंग की जा चुकी थी.
बेसिकली उसी मूवी मैं एक्सप्लेन किया जाता कि कैप्टन लियो डेफिनिशन के प्लेनेट पर सारे के सारे हुमन एप्स क्यों बन गए. सबसे मजे की बात यह है कि ट्रैक्टर टीम बटन को खुद इस बात का जवाब नहीं मालूम था और वह इसे समझाने का काम किसी और डायरेक्टर को सौंपने वाले थे वेल अच्छा हुआ 2011 में इस फ्रेंचाइजी को एक बार फिर से रिबूट किया गया.
6. तो चलिए बात करते हैं रिबूट से जुड़े हुए सबसे इंपॉर्टेंट कास्टिंग की तो इस मूवी के लिए पहले सीजन का मोशन कैप्चर एक नॉर्मल स्टंटमैन करने वाला था. लेकिन इस मूवी की वीएफएक्स कंपनी वेटर डिजिटल ने फिल्म्स मेकर को एंडी सर्कस को सजेस्ट किया जो कि इनसे पहले भी उनके साथ लॉर्ड ऑफ द रिंग और हॉबिट में गोल्डन का मोशन कैप्चर और वॉइस दे चुके थे.
इसके अलावा वह 2005 की किंग कॉम मूवी में भी कोंग का मोशन कैप्चर दे चुके थे इसलिए उन्हें प्लेनेट ऑफ द एप्स के लिए भी कास्ट कर लिया गया वहीं पर पहले जेम्स फ्रैंको का करैक्टर बिल रोडमिंट का रोल shia labeouf और tobey maguire को भी ऑफर किया गया था.
लेकिन उन्होंने इस रोल को रिफ्यूज्ड कर दिया वहीं पर जब सेकंड मूवी में rupert wyatt को हटाकर matt reeves को डायरेक्टर के लिए साइन किया गया तो जेम्स फ्रैंको ने भी इस सीरीज में आगे का काम करने से मना कर दिया फन फैक्ट तो यह है कि जेम्स फ्रैंको की यह बात मालूम भी नहीं थी कि सेकंड मूवी में उनका एक फुटेज as a कैमरा यूज़ किया गया है
7. एंडी सर्कस में सीजर का रोल प्ले करने के लिए दो फेमस रियल लाइफ चिंपैंजी का इंस्पिरेशन लिया जहां पर पहला था ओलिवर जो 1957 में पैदा हुआ था और 2012 में 55 साल की उम्र में उसकी मौत हो गई यह चिंपैंजी बेसिकली फेमस था अपने अपराइट स्ट्रक्चर के लिए जहां पर यह बिल्कुल हुमन की तरह अपने दोनों पैरों पर चलता था.
कई लोग तो यह भी मानते थे कि ह्यूमन चैंपियन जी हाइब्रिड हुमनजी है लेकिन साइंटिस्ट ने इस बात को क्लियर कर दिया यह एक नॉर्मल चिंपैंजी ही था जिस पर हो मन का गहरा प्रभाव पड़ा था वहीं पर दूसरी तरफ था नीम चिंपसकी जो बेसिकली 1973 में पैदा हुआ था और सन 2000 में उसकी मौत हो गई थी और इसे कोलंबिया यूनिवर्सिटी में एनिमल लॉजिक एक्वाजिशन की स्टडी के लिए सब्जेक्ट के रूप में रखा गया था
8. राइज ऑफ द प्लेनेट ऑफ द एप्स दुनिया की सबसे पहली मूवी बनी जिसने बाहर मोशन कैप्चर शूटिंग की इसके पहले मूवी के लिए मोशन कैप्चर क्लोज इन्वायरमेंट या ग्रीन स्क्रीन स्टूडियो में ही किया ज्यादा था बेसिकली इस चीज से फर्क यही पड़ा कि एंडी सर्कस अपने करैक्टर को और भी अच्छे ढंग से प्ले कर पाए और उन्हें किसी भी चीज को इमेजिन करने की जरूरत नहीं पड़ी.
9. मूवी मै सीजर की आवाज को साउंड डिजाइनर चक माइकल ने क्रिएट किया है जहां पर जब सीजर बोलता है तो वहां पर फुली ग्रोन चिंपैंजी और एनडी सर्कस की वोकलाइजेशन को मिक्स करके सीजर की आवाज को बनाया गया है जो मूवी के लिए बहुत ही सूटेबल साबित हुई.
10. ड्रोन ऑफ द प्लेनेट ऑफ द एप्स और भी आगे फ्यूचर में सेट होने वाली थी जहां पर बेसिकली सारे के सारे ऐप्स को बहुत रुक करेंटली होममेड लैंग्वेज में बोलते हुए दिखाया जाता लेकिन यहां पर सीजर का बहुत ही छोटा रोल होने वाला था वहीं पर मैट्रिव सीजर के कैरेक्टर को और भी ज्यादा एक्सप्लोर करना चाहते थे यही कारण है कि उन्होंने स्टूडियो से इसने स्क्रिप्ट को लिखने की मांग की इस शर्त पर कि वह रिलीज डेट पर ही मूवी परेश करेंगे वेल ओरिजिनल स्क्रिप्ट के हिसाब से क्या पता मूवी कैसी होती.