दोस्तों हमारे भारत देश में कई सारे महापुरुष ने जन्म लिया है और उनमें से एक है रामानुज इन्होंने अपने कम जीवन काल में वह कर दिखाया जिनके लिए लोग पूरा जीवन लगा देते हैं. रामानुज उन महापुरुषों मै से थे जिन्होंने बिना किसी शिकायत के अपने काम को पूरी मेहनत और लगन से करते हुए और अपने बुद्धिमता के बल पर बहुत बड़ा मुकाम हासिल कर लिया.
भारत के सबसे बड़े गणितज्ञ माने जाने वाले रामानुज सिर्फ 32 साल की उम्र में हमें छोड़कर इस दुनिया से चले गए, लेकिन वह अपने काल में गणित के मायने ही बदल दिए. जहां एक तरफ सब को लगता था कि वह जीवन में कभी सफल नहीं हो पाएंगे वहीं दूसरी ओर रामानुज ने अपनी मेहनत और लगन से सफलताओं का आसमान छू लिया. तो आज हम बात करने वाले हैं इन्हीं महान गणितज्ञ के रोचक तथ्य के बारे में.
1. रामानुज को ‘man Who Knew Infinity‘ कहा जाता है क्योंकि इनके प्रमुख योगदान में से 60% से ज्यादा इंफिनिटी सीरीज के सूत्र थे.
2. 22 दिसंबर 88 काशी को तमिलनाडु के इरोड गांव में श्रीनिवास अयंगर और कोमलता मल के घर एक बच्चा पैदा हुआ था जिसका नाम रखा गया है रामानुज.
3. रामानुज के सभी भाई-बहन की मौत बचपन में हो गई थी दरअसल 1889 मैं चेतक नाम की बीमारी फैल गई इस साल चेतक से तंजावुर जिले में हजारों लोग मारे गए लेकिन रामानुज फिर से ठीक हो गए थे.
4. रामानुज बचपन में स्कूल जाने से बचते थे इसीलिए उनके घर वालों ने एक आदमी की ड्यूटी उनके पीछे लगा दी कि वह स्कूल गए कि नहीं गए.
5. घर का खर्च निकालने के लिए रामानुज बचपन में ट्यूशन पढ़ाया करते थे और उन्हें महीने में ₹5 मिलता था रामानुज ने सातवीं कक्षा में और ट्यूशन पढ़ाते थे b.a. के लड़के को.
6. 13 साल की उम्र में खुद की थ्योरम बनाने वाले रामानुज ने मैथ के लिए अलग शिक्षा कभी नहीं ली.
7. रामानुज अपने मैथ के पेपर को आधे से भी कम समय में पूरा कर देते थे.
8. रामानुज अपना ज्यादातर समय मैथ के साथ बिताया करते थे जिसकी वजह से वह बाकी सब्जेक्ट में कमजोर पड़ने लगे.
9. रामानुज ने 11 साल की उम्र में कॉलेज के स्तर का मैथ याद कर लिया था 13 साल की उम्र में एडवांस ट्रिग्नोमेट्री को रेट लिख दिया और खुद की थ्योरम बनाने लगे.
10. जब रामानुज 16 साल के थे तो उनके दोस्तों ने लाइब्रेरी से जी.एस. कार की लिखी हुई किताब दी A Synopsis of elementary Result in pure Applied Mathematics इसमें 5000 से ज्यादा थ्योरम थी. उन्होंने यह सारे रख ली और तभी से इनकी जीनियस बनने का सफर शुरू हुआ.
12. गणित में जीनियस होने के कारण रामानुज को सरकारी कॉलेज में पढ़ाई करने के लिए स्कॉलरशिप मिली थी लेकिन उन्होंने मैच में ज्यादा ध्यान लगाया और बाकी सब्जेक्ट में फेल हो गए इस वजह से इनकी स्कॉलरशिप छीन ली गई.
13. पेपर बहुत महंगे होने के कारण रामानुज मैथ के सवाल निकालने के लिए सलेट का यूज़ करते थे हालांकि यह अपने साथ एक रजिस्टर रखते थे जिसमें वह सारे फार्मूले उतारते थे रामानुज जब भी नौकरी की तलाश मे जाते थे तो वह हमेशा अपने साथ रजिस्टर लेकर जाते थे लेकिन लोगों ने इनके फार्मूले को नजरअंदाज कर दिया.
14. जब रामानुज 22 साल के हो गए तो उनकी शादी 10 साल की जानकी से हुई शादी के बाद रामानुज को हाइड्रोसील टेस्टिंग यानी अंडकोष में होने वाली एक बीमारी हो गई घर पर इलाज करने के पैसे नहीं थे इसलिए डॉक्टर ने फ्री में सर्जरी कर दी सर्जरी के बाद वह बीमार पड़ गए उन्होंने सोचा कि वह नहीं बच पाएंगे लेकिन वह बच गए.
15. 1913 में 26 साल की उम्र में रामानुज ने मैसेज में 120 सूत्र लिखें और अंग्रेज प्रोफेसर जी.एच. हार्डी के पास भेज दिया हार्डी ने पहले तो कोई खास ध्यान नहीं दिया बाद में पढ़ने के बाद उन्हें लगा कि यह कोई विद्यमान है और उन्होंने इनकी इस प्रतिभा को देखकर रामानुज को कैंब्रिज यूनिवर्सिटी बुला लिया.
16. रामानुज ने इंग्लैंड जाने से साफ मना कर दिया लेकिन हार्डी ने जैसे तैसे करके इन्हें इंग्लैंड बुला लिया वह धर्म-कर्म के पक्के थे इंग्लैंड जैसे ठंडे देश होने पर भी वे रोज नहाते थे ब्राह्मण होने के कारण वह शुद्ध शाकाहारी थे यहां ठीक खाना ना मिलने के कारण उनकी तबीयत खराब होने लगी फिर वह मद्रास वापस आ गए.
17. रामानुज के बारे में एक और बात कहा जाता है कि उन्होंने इंग्लैंड में खुदकुशी करने की भी कोशिश की थी लेकिन पुलिस समय पर पहुंच गई और उन्हें पकड़ लिया पुलिस वाला जेल में भेजने वाला ही था तो प्रोफ़ेसर होली ने इसे हस्तक्षेप किया और पुलिसकर्मी से झूठ बोला है कि रामानुज एफ आर एस का सदस्य है और तुम इस तरह 1एआर को जेल में नहीं डाल सकते कुछ महीने बाद रामानुज सच में FRS के सदस्य बन गए थे.
18. 1918 में 31 साल की उम्र में श्रीनिवासराव अनुज को रोहित शेट्टी का सबसे कम उम्र का साथी चुना गया 1841 में Ardaseer Cursrtjee के बाद ऐसा करने वाले वह दूसरे भारतीय बन गए 13 अक्टूबर 1918 को ग्राम अनुज को त्रिनिटी कॉलेज का साथी चुना गया ऐसा करने वाले यह वह पहले भारतीय बने.
19. भारतीय राज्य तमिलनाडु रामानुज के जन्मदिन को IT Day के रूप में और पूरा देश नेशनल मैथमेटिक्स डे के रूप में मनाते हैं.
20. रामानुज ने अपनी 32 साल की लाइफ में 3884 इक्वेशन बनाई इनमें से कई तो आज भी अनसुलझी है मैथ में 1729 को रामानुज संख्या के रूप में जाना जाता है.
21. इंग्लैंड से आने के बाद रामानुज को तेज बुखार खांसी और पतला होने के कारण गंभीर तबीयत हो गई 26 अप्रैल 1920 को श्रीनिवास रामानुजन की मृत्यु हो गई और वह स्वर्ग सिधार गए कुंभकोणम में इनके पैतृक निवास को म्यूजिक बना दिया गया.
Ramanujan Quotes in Hindi
मेरे लिए एक समीकरण का कोई मतलब नहीं है जब तक कि यह ईश्वर के बारे में विचार व्यक्त न करे – srinivasa Ramanujan-
नहीं, यह एक बहुत ही दिलचस्प संख्या है; यह दो अलग-अलग तरीकों से दो क्यूब्स के योग के रूप में सबसे छोटी संख्या है, दो तरीके 13 + 123 और 93 + 103 हैं। – srinivasa Ramanujan-
अपने दिमाग को सुरक्षित रखने के लिए मुझे भोजन चाहिए और अब यह मेरा पहला विचार है। आप का कोई भी सहानुभूति पत्र यहाँ छात्रवृत्ति पाने में मेरे लिए सहायक होगा…. – srinivasa Ramanujan-
मैंने एक पारंपरिक विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम के माध्यम से आगे नहीं बढ़ाया है, लेकिन मैं अपने लिए एक नया रास्ता निकाल रहा हूं, मैंने जर्नल में अलग-अलग श्रृंखला की एक विशेष जांच की है और मुझे जो परिणाम मिलता है उसे स्थानीय गणितज्ञ द्वारा शुरू किया जाता है।” – srinivasa Ramanujan-
गणित के बिना, आप कुछ भी नहीं कर सकते। आपके आसपास सब कुछ गणित है। आपके आस-पास सब कुछ नंबर है। – srinivasa Ramanujan-
सोते समय मुझे एक असामान्य अनुभव हुआ। रक्त बहने से एक लाल स्क्रीन का निर्माण हुआ, जैसा कि यह था। मैं इसे देख रहा था। अचानक एक हाथ स्क्रीन पर लिखने लगा। मैं सबका ध्यान हो गया। उस हाथ ने कई अण्डाकार अभिन्न अंग लिखे। वे मेरे दिमाग से चिपक गए। जैसे ही मैं उठा, मैंने उन्हें लिखने के लिए प्रतिबद्ध किया। – srinivasa Ramanujan-
जैसे मोरों में शिखा और नागों में मणि का स्थान सबसे ऊपर हैं , वैसे ही वेदांग और शास्त्रों में गणित का स्थान सबसे ऊपर है । – srinivasa Ramanujan-
बहुत प्रलाप करने से क्या लाभ हैं ? इस चराचर जगत में जो कोई भी वस्तु है वह गणित के बिना नहीं है / उसको गणित के बिना समझा नहीं जा सकता । – srinivasa Ramanujan-
ज्यामिति की रेखाओं और चित्रों में, हम उन अक्षरों को सीखते हैं जिनसे दुनिया की यह महान पुस्तक लिखी गई है। – srinivasa Ramanujan-
गणित एक भाषा है । – srinivasa Ramanujan-
मैंने हमेशा गणित का आनंद लिया है। यह किसी भी विचार को व्यक्त करने का सबसे सटीक और संक्षिप्त तरीका है। – srinivasa Ramanujan-
गणित का सार इसकी स्वतंत्रता में निहित है। – srinivasa Ramanujan-
अगर मैं फिर से अपनी पढ़ाई शुरू कर रहा था, तो मैं प्लेटो की सलाह का पालन करूँगा और गणित से शुरू करूँगा। – srinivasa Ramanujan-
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