Chanakya quotes in Hindi Chapter 6
Chanakya quotes 1
छठे अध्याय के आरंभ में श्री चाणक्य समझाते हैं कि मनुष्य शास्त्रों को पढ़कर धर्म को जानता है और मूर्खता को त्याग कर ज्ञान की प्राप्ति करता है तथा शास्त्रों को सुनकर मोक्ष प्राप्त करता है. श्री चाणक्य कहते हैं कि पक्षियों में कौवा पशुओं में कुत्ता ऋषि-मुनियों में क्रोध करने वाला और मनुष्य में चुगली करने वाला चांडाल अर्थात नीच होता है. पाप या चुगली करने वाला मानव जीवन में दोष माने गए हैं इन्हें करने वाला ऋषि मुनि होने पर भी चांडाल होता है जैसे पक्षियों में कौवा पशुओं में कुत्ते को नीच माना गया है.
Chanakya quotes 2
आगे समझाते हैं कि काशी का पात्र राख द्वारा मांजने से शुद्ध होता है. तांबे का पात्र खटाई से रगड़ने से शुद्ध होता है स्त्री रसवरा होने से पवित्र होती है और नदी तेज गति से बहने से निर्मल होती है. प्रजा के रक्षा के लिए भ्रमण करने वाले राजा सम्मानित होता है. भ्रमण करने वाला योगी और ब्राह्मण सम्मानित होता है किंतु इधर उधर घूमने वाली स्त्री भ्रष्ट होकर नष्ट हो जाती है. जिसके पास धन होता है उसके पास अनेक मित्र होते हैं उसी के अनेक बंधु बांधव भी होते हैं वहीं पुरुष कहलाता है और वही पंडित कहलाते हैं. धन का महत्व इतना बड़ा है कि जिसके पास यह होता है वह उसे ही महापुरुष पंडित यानी विद्वान और सबका हितेषी मांनेने लगते हैं.
Chanakya quotes 3
आगे समझाते हैं कि जैसे काबिलियत होती है वैसे ही बुद्धि हो जाती है. उद्योग धंधे भी वैसी हो जाते हैं और सहायक भी वैसे ही मिल जाते हैं. काल अर्थात समय या मृत्यु पंचभूत पृथ्वी जल वायु अग्नि और आकाश को पचाता है. सब प्राणियों का संघार भी काल ही करता है. काल की सीमा को निश्चित ही कोई भी लांग नहीं सकता. काल की गति को कोई रोक नहीं सकता. समय चक्र में आकर सभी को एक न एक दिन नष्ट होना हीं पड़ता है.
Chanakya quotes 4
आगे समझाते हैं कि जन्म से अंधे व्यक्ति को कुछ दिखाई नहीं देता. काम मैं आशक व्यक्ति को भला बुरा कोई सुझाव नहीं देता मत से मतवाला बना. व्यक्ति या प्राणी कुछ सोच नहीं पाता और अपनी जरूरतों को सिद्ध करने वाला दोष नहीं देखा करता. धन और अहंकार से भरा व्यक्ति अपना विवेक खो बैठता है उसे अपना स्वार्थ सर्वोपरि दिखाई देने लगता है. उसकी दशा अंधे की समान होती है जो जन्म से अंधा होता है. जीव स्वयं ही नाना प्रकार के अच्छे बुरे कर्म करता है उसका फल भी स्वयं ही भोगता है. वह संसार की मोह माया में फसता है और स्वयं ही इसे त्याग ता भी है .
Chanakya quotes 5
आगे समझाते हैं कि राजा अपने प्रजा के द्वारा किए गए पाप को पुरोहित राजा के पाप को पति अपने पत्नी के द्वारा किए गए पाप को और गुरु अपने शिष्य के बाप को भोगता है. राजा का कर्तव्य है कि वह अपनी प्रजा को पाप कर्म की ओर ना बढ़ने दे. पुरोहित अथवा मंत्री का कर्तव्य है कि वह राजा को पाप की और प्रभात ना होने दें और इसी प्रकार पति का कर्तव्य है कि वह अपनी पत्नी को गलत राह पर ना जाने दे तथा गुरु का कर्तव्य है कि वह अपने शिष्यों को पाप ना करने दें. यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो राजा को प्रजा पुरोहित को राजा पति को पत्नी का और गुरु को अपने शिष्य का पाप स्वयं ही भुगतना पड़ता है.
Chanakya quotes 6
आगे कहते हैं कि जो पिता अपनी संतान पर अपना कर छोड़कर जाता है. वह शत्रु के समान है जो माता पतन के मार्ग पर चल रही है. वह संतान के लिए शत्रु है जो स्त्री सुंदर है उसकी रक्षा में पति को बहुत कठिनाई झेलनी पड़ती है क्योंकि सभी की दृष्टि उस पर रहती है और यदि संतान मूर्ख हो तो मैं अपने माता-पिता के शत्रु से कम नहीं है.
Chanakya quotes 7
आगे समझाते हैं कि लोभी व्यक्ति धन का लालची होता है अहंकारी व्यक्ति अपने अहंकार की संतुष्टि चाहता है. उसे निम्रता से वश में करना चाहिए मूर्ख व्यक्ति के इच्छा अनुसार कार्य करके उसे बहला-फुसलाकर वश में करना चाहिए और विद्वान व्यक्ति के सम्मुख झूठ नहीं बोलना चाहिए. उसे सच्चाई से ही वश में करना चाहिए बिना राज्य के रहना उत्तम है परंतु दुष्ट राजा के यहां रहना अच्छी बात नहीं है. बिना मित्र के रहना अच्छा है किंतु दुष्ट मित्र के साथ रहना उचित नहीं है. बिना शिष्य के रहना ठीक है परंतु नीच शिष्य को ग्रहण करना ठीक नहीं है बिना स्त्री के रहना उचित है परंतु दुष्ट एवं कुलटा स्त्री के साथ रहना उचित नहीं है.
Chanakya quotes 8
आगे चाणक्य समझाते हैं कि शेर और बगुले से 1-1 गधे से 3 मार्गो से 4 कौवे से पांच और कुत्तों से 6 गुण हमेशा किसी मनुष्य को सीखनी चाहिए. इन समझाते हुए कहते हैं कि काम छोटा हो या बड़ा उसे एक बार हाथ में लेने के बाद कभी नहीं छोड़ना चाहिए. उसे पूरे सामर्थ्य और लगन के साथ करना चाहिए.
जैसे शेर पकड़े हुए शिकार को कदापि नहीं छोड़ता. शेर का यह गुण हमेशा रहना चाहिए अर्थात मनुष्य जो भी काम करें उसे पूरी शक्ति और लगन के साथ करें. पूरा साहस और सामर्थ्य लगा दे कार्य करते समय इन बातों को ना देखे कि कार्य बहुत छोटा उसे तो बस हम यूं ही कर लेंगे. यह अवस्था अलसी की होती है शेर जब हमला हाथी पर करना हो या फिर किसी हिरण पर करना हो वह एक से आक्रमक मुद्रा बनाकर एक से सास और नम्रता के साथ हमला करता है.
Chanakya quotes 9
आगे कहते हैं कि सफल व्यक्ति वही है जो बगलू के समान अपने अपने संपूर्ण इंद्रियों को संयम में रखकर अपना शिकार करता है. उसी के अनुसार देश काल और अपनी सामर्थ्य को अच्छी प्रकार से समझ कर अपनी सभी कार्य को करना चाहिए. हमें बगुले से यह गुण ग्रहण करना चाहिए अर्थात एकाग्रता के साथ अपना कार्य करें तो सफलता अवश्य प्राप्त होगी अर्थात कार्य को करते वक्त अपना सारा ध्यान उसी कार्य को करने में लगा देना चाहिए तभी सफलता मिलेगी बगुला वही ध्यान लगा कर बैठता है. जहां मछली मिलने की आशा होती है अन्यथा छोड़कर दूसरी ओर चला जाता है.
Chanakya quotes 10
आगे समझाते हैं कि अत्यंत थक जाने के बाद भी बोझ को ढोना ठंडे गरम का विचार ना करना सदा संतोष पूर्वक वितरण करना यह तीन बातें हमें गधे से हमेशा सीखनी चाहिए बुद्धिमान व्यक्ति को हमेशा अपने कर्तव्य से विमुख नहीं होना चाहिए उसे अपने कार्य को बोझ नहीं समझना चाहिए रितु के प्रभाव को भी अंधेरा कर देना चाहिए और संतोष के साथ अपने कार्य को करते रहना चाहिए.
यह तीन गुण गधे में पाए जाते हैं जो हमें अपनी जिंदगी में सीखना चाहिए आगे समझाते हैं कि ब्रह्म मुहूर्त में जागना रण में पीछे ना हटना बंधुओं में किसी वस्तु का बराबर भाग करना और स्वयं चढ़ाई करके किसी से अपने वक्त को छीन लेना यह चाय बातें हमें मुर्गी से सीखना चाहिए वह सुबह उठकर बांग देता है वह दूसरों से लड़ते हुए कोई पीछे नहीं हटता वह अपने खाद्य पदार्थों को अपने चुजो मैं साथ बैठकर खाता है और अपने मुर्गी कौ समागम में साथ रखता है.
Chanakya quotes 11
आगे चाणक्य कौवा के पांच गुण समझाते हैं कहते हैं कि संभोग हमेशा गुप्त में करना चाहिए छिपकर चलाना चाहिए समय-समय पर इच्छाएं वस्तुओं का संग्रह करना चाहिए. सभी कार्यों में सावधानी रखनी चाहिए और किसी पर जल्दी विश्वास नहीं करना चाहिए. यह पांच बातें कौवे से हमें जरूर सीखनी चाहिए अब बताते हैं कुत्ते के 6 गुण बहुत भोजन की शक्ति करने पर रखने पर भी थोड़े भोजन में ही संतुष्ट हो जाए. अच्छी नींद सोए परंतु जरा से खटके पर ही जाग जाए अपने रक्षक से प्रेम करें और श्रोता दिखाएं. यह 6 गुने हमें कुत्ते से सीखना चाहिए यदि यह 6 गुणों को अब अपनी जिंदगी मौत आएंगे तो आपको सफलता अवश्य मिलेगी यह था भाग 6.
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