what is Big Bang Theory in Hindi
लगभग 100 वर्षा से हम जानते हैं कि ब्रह्मांड फैल रहा है बिग बैंग से पहले ब्रह्मांड एक बिंदु के रूप में था यह 13 अरब साल पहले था जब समय 0 के बराबर था यानी समय का अस्तित्व था ही नहीं इस शुरुआती बिंदु से यह सब कुछ अस्तित्व में आया जो आज हम देख सकते हैं. जैसे कि प्रोटोन न्यूट्रॉन तारे आकाशगंगा और खुद हमारी पृथ्वी भी यहां तक कि अंतरिक्ष और समय भी यहां से ही हुई थी. समय 0 के दौरान अचानक ही इस बिंदु का कभी ना रुकने वाला विस्तार होने लगा तब अचानक ही समय और अंतरिक्ष की शुरुआत होने लगी, इस घटना को बिग बैंग कहां जाता है.
वर्तमान समय में बिग बैंग ही हमारे ब्रह्मांड की शुरुआत के लिए सबसे स्वीकार्य सिद्धांत है. यह ब्रह्मांड के विस्तार होने की खोज से प्रेरित है. यह एक असामान्य और हमारी समझ से परे की घटना थी. यह विस्फोट नहीं था और ना ही यह किसी चीज के अंदर हो रहा था.
उस वक्त ऊपर नीचे दाएं बाएं जैसी कोई चीज ही नहीं थी जिससे हम सब वाकिफ हैं. यह छोटे से बिंदु से बड़ा ही होता जा रहा था, तो फिर यह हुआ कहां था और उससे पहले क्या था.
हम इंसानों को हमारे आसपास की चीजों को देखकर हमें यह जिज्ञासा होती रहती है, हम जानना चाहते हैं कि सब चीजें वैसी ही क्यों है जैसी वह है. समय और अंतरिक्ष दोनों ब्रह्मांड के भीतर निहित रूप से समाए हुए थे और बिगबैंग होने के साथ ही अचानक अस्तित्व में आए लेकिन इसका कोई कारण नहीं था.
यदि इसका कोई कारण होता भी तो वह हमारे लिए उपलब्ध नहीं है. यह सारे हमारे अनुभव के बाहर से आई हुई चीज है. इस दायरे में समाधान कोई भी हो लेकिन हमारे लिए तो यह आश्चर्य से भरा होगा. इस बात का कोई मतलब ही नहीं होगा कि कोई चीज बिना कारण के ही अस्तित्व में आए.
जब समय ही नहीं था इसका मतलब वहां पर पहले जैसी कोई भी चीज नहीं थी. इसीलिए इसका कारण कोई नहीं हो सकता हमें ऐसे समाधान तक पहुंचना चाहिए जो समय और अंतरिक्ष से पहले से मौजूद था.
Big Bang Theory in Hindi :- भगवान के अस्तित्व ( What about the existence God )

ज्यादातर लोग बिगबैंग होने का ज्यादातर कारण भगवान को मानते हैं जब लोग कहते हैं कि भगवान ने इस समस्त ब्रह्मांड की रचना की है तभी दिमाग में दूसरा सवाल उठता है कि भगवान को किसने बनाया. लोगों से पूछने पर ज्यादातर उत्तर मिलता है कि भगवान हमेशा से ही अस्तित्व में थे और यह रहेंगे क्योंकि यह जवाब आगे बढ़ने से ज्यादा संतोषजनक है.
एक रचनाकार जो बिना किसी कारण के ही पहले से अस्तित्व में है कई लोग भी इसे संतोषजनक सवाल नहीं मानते. मल्टीवर्ष का विचार भी इस मामले को हल नहीं करता है. कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि हमारा समस्त ब्रह्मांड एक विशाल मल्टी वर्ष में स्थित है इस मल्टी वर्ष में हमारे ब्रह्मांड के जैसे असंख्य ब्रह्मांड समाय हुए हैं.
लेकिन यह विचार भी इतना शक्तिशाली नहीं है जो उत्पत्ति के विषय को हल कर सके, हमारे दिमाग में तुरंत ही सवाल उठेगा की मल्टी वर्ष किस चीज के अंदर स्थित है. इस तरह तो यह सीरीज चलती रहेगी.
बिग बैंग का कारण क्या है इस प्रश्न का उत्तर पाने के लिए आती हुई समस्या में से सबसे बड़ी समस्या हो सकती है हमारा एक जैविक होना. हमारा इंसानी दिमाग इस चीज को समझते हुए विकसित हुआ है की सभी चीजों का कोई कारण होता है.
हम किसी चीज के ना होने के कल्पना भी नहीं कर सकते हैं लेकिन 100 साल पहले हम यह भी नहीं जानते थे कि हमारी आकाशगंगा ब्रह्मांड में स्थित 100 अरब आकाशगंगा में से एक है.
200 साल पहले हम यह भी नहीं जानते थे कि आसमान में दिखने वाले तारे हमसे हजारों प्रकाश वर्ष दूर है. 500 साल पहले हमारी पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है ऐसी कल्पना भी हम नहीं कर सकते थे.
ब्रह्मांड की सच्चाई हमारी कल्पना से भी ज्यादा जटिल है शायद हम इस सवाल का जवाब जानने के लायक ही नहीं है या फिर है भी तो उसको जाने के लायक हुए नहीं है. यह बात सुनकर शायद आपको हंसी आएगी लेकिन यह बात सोचने लायक तो है.
जब भी आप कहते हैं नथिंग तब वह समथिंग बन जाती है मेरा मतलब आपने उसे एक नाम नथिंग दे दिया या फिर उसको एक तरह से डिस्क्राइब किया अब वह नथिंगनेस कुछ तो है तभी तो आप उसे कुछ नाम दे सकते हैं या डिस्क्राइब कर सकते हैं.
जब आपका जन्म नहीं हुआ था तब क्या था जब आप सो जाते हैं तब आप क्या फील करते हैं यह नथिंगनेस है आप देखेंगे कि आपके शरीर के अंदर छोटी-छोटी कोशिकाएं हैं कोशिकाओं के अंदर अनु और अनु के अंदर परमाणु और परमाणु के अंदर उसका न्यूक्लियस है. न्यूक्लियस के बीच में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन होते हैं और उनके आसपास अलग-अलग कक्षा में इलेक्ट्रॉनिक प्रदर्शना करते हैं. तब आप देखेंगे कि इन प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के बीच ज्यादा की जगह खाली है यानी कि पूरा परमाणु ज्यादातर खाली है.
यदि आप स्केल में हैं नीचे चलते जाएंगे तो आपको अंत में आपको खाली जगह ही मिलेगी यानी कि नथिंगनेस इसका मतलब हुआ हमारा पूरा शरीर वास्तव में खाली है कोई भी पदार्थ चाहे कितना भी सख्त दिखता हो लेकिन वह भी वास्तव में खाली है. हम तो देखते हैं महसूस करते हैं और हम हैं इसका कोई मतलब नहीं है सब कुछ वास्तव में नहीं है इसलिए हम कह सकते हैं की सब कुछ नहीं से आया है.
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A donkey knows no gratitude. Knappert p. 138 Swahili